शिमला शहर…कूड़ा-कचरा और बदबू

शिमला —  शिमला में सैहब सोसायटी कर्मचारियों की हड़ताल से सफाई व्यवस्था पटरी से उतर गई है। घरों से कूड़ा न उठने के चलते शिमला में गंदगी का आलम बढ़ गया है। शहर के मुख्य स्थलों सहित वार्डों में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। वहीं कूड़ा कलेक्शन प्वाइंट घरों से दूर होने के कारण लोग अब यहां वहां कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं। जनता नगर निगम प्रशासन द्वारा शहर में स्थापित कूड़ा कलेक्शन प्वाइंटों पर भी सवाल उठा रहे हैं। जनता का आरोप है कि कई स्थानों पर कूड़ा कलेक्शन प्वाइंट घरों से दूर है। ऐसे में रोजाना इन कलैक्शन प्वाइंटों तक कूड़ा पहुंचना मुश्किल है। वहीं ,पटरी से उतरी सफाई व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए कोई सकारात्मक कदम न उठने से भी जनता में अब रोष पनपने लगा है।  हालांकि शुक्रवार को सैहब सोसाइटी कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों की बैठक नगर निगम आयुक्त से हुई। मगर उक्त बैठक में भी बेनतीजा रही। कर्मचारी यूनियन ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती है तब तक कर्मचारी कार्य पर नहीं लौटेंगे। एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) की तिथि 18 सितंबर को निर्धारित की गई है। निगम प्रशासन ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि उनकी सभी मांगों को बैठक में रखा जाएगा।

एसडीएम आफिस के बाहर प्रदर्शन

सैहब कर्मचारियों ने शुक्रवार को भी उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रोष व्यक्त किया। कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष जसवंत सिंह ने कहा कि सैहब कर्मचारी तब तक कार्य पर नहीं लौटेंगे जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जाती है। उन्होंने कहा कि अगर 18 सितंबर को होने जा रही एजीएम में भी उनकी मांगे पूरी नहीं होती हैं तो आगे भी संघर्ष जारी रहेगा।

शहर में यहां-वहां फेंका जा रहा कूड़ा

कर्मचारियों की हड़ताल के चलते कूड़ा एकत्रित करने के लिए नगर निगम ने शहर में 200 के करीब कूड़ा कलेक्शन प्वाइंट बनाए हैं ,जहां से निगम वाहनों के माध्यम से कूड़ा उठाया जा रहा है। मगर जिन घरों से कूड़ा कलेक्शन प्वाइंट दूर हैं उन क्षेत्रों में जनता को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। इन क्षेत्रों के लोग यहां वहां कूड़ा फेंक रहे हैं।

वीआईपी घरों से ही उठ रहा कूड़ा

शहर में वीआईपी के घरों से कूड़ा उठ रहा है, मगर आम जनता दिक्कतें झेलने को मजबूर हैं। जनता का आरोप है कि निगम प्रशासन भी पक्षपात कर रहा है एक ओर जहां वीआईपी के घरों से रोजाना कूड़ा उठ रहा है। वहीं ,दूसरी ओर आम जनता के लिए घरों से दूर कूड़ा कलेक्शन प्वाइंट बनाए गए हैं ,जहां तक रोजाना कूड़ा पहुंचाना मुश्किल हैं।

अब 18 सितंबर को होगा फैसला

शिमला  — सैहब सोसायटी के कर्मचारियों की मांगों पर सोमवार को एजीएम (एनुअल जनरल मीटिंग) में फैसला होगा। एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) की बैठक 18 सितंबर को शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा की अध्यक्षता में बचत भवन शिमला में आयोजित होगी। एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) की तिथि निर्धारित होने के बाद अब निगम प्रशासन एजीएम में कोरम पूरा करने की तैयारियों में जुट गया है। निगम प्रशासन ने बैठक बाबत पत्र तैयार कर सभी सदस्यों को भेज दिए हैं, ताकि सभी सदस्य बैठक में उपस्थित हो सके। बतातें चले कि बीते 11 सितंबर को एजीएम की बैठक निर्धारित की गई थी, जिसमें शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा की अनुपस्थिति सहित कोरम पूरा नहीं हो पाया था और बैठक को स्थगित करना पड़ा था। एजीएम की बैठक स्थगित होते ही सैहब सोसायटी कर्मचारियों ने आंदोलन का बिंगुल फूक दिया था। सैहब कर्मचारी 12 सितंबर से हड़ताल पर है। ऐसे में घरों से डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन योजना के तहत कूड़ा नहीं उठ पा रहा है। हालांकि नगर निगम प्रशासन ने अपने स्तर पर सैहब सोसायटी के कर्मचारियों के वेतन में दस फीसदी की बढ़ोतरी कर दी थी, मगर सैहब सोसायटी कर्मचारी यूनियन वेतन में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। नगर निगम महापौर कुसुम सदरेट ने बताया कि एजीएम की बैठक 18 सितंबर को होगी। मेंबरों को सूचित करने के लिए पत्र भेजे जा रहे है।

कोरम के लिए 70 सदस्यों की हाजिरी जरूरी

एजीएम की बैठक में कोरम पूरा करने के लिए 70 सदस्यों की उपस्थिति जरूरी  है। सदस्यों की संख्या 140 है, जिसमें से कम से कम 70 सदस्यों की उपस्थिति होनी चाहिए। 11 सितंबर की बैठक में 41 सदस्य ही उपस्थित हुए थे।