शिमला शहर से लड़ेंगे वीरभद्र

By: Sep 29th, 2017 12:10 am

विधानसभा चुनाव की तैयारियां पूरी, महज औपचारिक ऐलान ही है बाकी

newsशिमला— मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तमाम अटकलों व कयासों पर विराम लगाते हुए शिमला शहर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके हैं।  पुख्ता सूत्रों के मुताबिक इसका औपचारिक ऐलान दिल्ली में होने जा रही 29 सितंबर की बैठक के बाद कभी भी हो सकता है। मुख्यमंत्री को शिमला शहर में प्रचार के लिए भी मेहनत नहीं करनी होगी, जबकि अर्की में कई दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए काफी वक्त लग सकता था।  बताया जाता है कि इसी के चलते उन्होंने अपने सलाहकारों से मंत्रणा करने के बाद अब शिमला शहर से उतरने का मन बनाया है। जाहिर तौर पर भाजपा के लिए शहर में यह एक बड़ी चुनौती रहेगी। पिछले दो टर्म से भाजपा के विधायक सुरेश भारद्वाज ही शिमला शहर की सीट पर कब्जा जमाए हुए हैं। इस बार भाजपा के भीतर भी टिकट की दावेदारी के लिए कई वरिष्ठ नेता तक प्रतिस्पर्धा में है। इनमें रोहड़ू के पूर्व विधायक खुशीराम बालनाहटा का नाम भी शामिल है। कई ऐसे युवा चेहरे भी हैं, जो अंदरखाते विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए दिल्ली तक के दौरे कर आए हैं। वाम दल से पूर्व महापौर संजय चौहान का इस सीट से उतरना लगभग तय है। यदि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पुख्ता सूचनाओं के मुताबिक शहर से चुनाव में उतर जाते हैं तो भाजपा व वाम दल के लिए यह एक अभेद्य चुनौती बन सकती है। वैसे कांग्रेस में भी शिमला शहर से टिकट की दावेदारी के लिए नेताओं की लंबी फेहरिस्त है। इनमें पूर्व विधायक  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरभजन सिंह भज्जी, एचपीटीडीसी के वाइस चेयरमैन हरीश जनार्था सबसे आगे हैं, जबकि कांग्रेस के ही कई नेता टिकट न मिलने की स्थिति में बतौर निर्दलीय उतरने का भी ऐलान कर चुके हैं। शिमला के पूर्व महापौर आदर्श सूद को लेकर भी सूचनाएं हैं कि वह इस बार कांग्रेस का टिकट न मिलने पर बतौर निर्दलीय ही चुनाव में उतरने जा रहे हैं। जाहिर तौर पर ऐसी स्थिति में कांग्रेस व भाजपा दोनों के अंदर भितरघात का भी डर तो रहेगा ही।

आचार संहिता के बाद ही पहली सूची

कांग्रेस नेताओं के मुताबिक विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आचार संहिता का ऐलान होने के हफ्ते के भीतर ही पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है।


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