सियासी दलों को लीज पर मिलेगी जमीन

प्रदेश सरकार ने राजनीतिक पार्टियों के कार्यालय भवन बनाने को भूमि देने का लिया फैसला

शिमला— राज्य सरकार ने प्रदेश में राजनीतिक दलों को उनके कार्यालय भवनों का निर्माण करने के लिए सरकारी जमीन लीज पर देने का फैसला लिया है। इसके लिए बाकायदा हिमाचल प्रदेश पट्टा नियमों में संशोधन किए गए हैं। राजस्व महकमे ने लोगों से नियम में संशोधन व उनकी आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए पहली जुलाई को प्रस्ताव जारी किया था, जिसपर  कोई आपत्ति व सुझाव नहीं आए। बुधवार को विभाग ने राजपत्र में इसकी अधिसूचना जारी कर संशोधित नियमों को लागू कर दिया है। नियमों के अनुसार मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों जिनके पट्टे के आधार पर सरकारी भूमि के आबंटन के लिए आवेदन करते समय विधानसभा में विधायकों की संख्या कम से कम एक चौथाई होगी, उस दल को जमीन लीज पर दी जा सकेगी। वह दल पूर्व में तीन दफा चुनाव में हिस्सा ले चुका हो और भारतीय निर्वाचन आयोग से मान्यता प्राप्त हो। जब कोई दल अस्तित्व में नहीं होगा तो उनको दी गई जमीन का कब्जा उस पर बने परिसर समेत सरकार वापस ले लेगी।  आबंटित पार्टी भवन का निर्माण केवल संबद्ध स्थानीय प्राधिकारी से भवन-नक्शा अनुमोदित करवाने के पश्वात और अन्य कानूनी बाध्यताओं, नियमों को पूरा करने के  बाद ही होगा। राजनीतिक दल को हिमाचल प्रदेश निर्वाचन विभाग के सक्षम प्राधिकारी से आवेदित भूमि के संबंध में अनिवार्यता प्रमाण पत्र लेना जरूरी होगा।

इसलिए रद्द हो सकेगा आवेदन

यदि पट्टेदार नियत अवधि के भीतर आबंटन के नियमों के तहत धन या किसी अन्य सरकारी देयता को चुकता नहीं कर सकेगा तो आबंटन रद्द कर दिया जाएगा। यदि पार्टी भूमि के आबंटन और स्थानीय  निकास द्वारा भवन योजना के लिए अनुमोदन के पश्चात दो वर्ष की अवधि के भीतर भवन का निर्माण करने में असफल रहेंगे तो भी आबंटन रद्द हो सकता है। पट्टा विलेख या किसी कानूनी  नियम के किसी भी निबंधन या शर्त के अतिक्रमण की दशा में भी आबंटन रद्द हो सकता है।

कांग्रेस-भाजपा बनाना चाहते हैं दफ्तर

प्रदेश की दोनों राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस व भाजपा यहां पर जिला मुख्यालयों में अपने कार्यालय भवन बनाना चाहती है। दोनों दलों की यह योजना है और सरकार के इस फैसले से इनको सरकारी जमीन लीज पर मिल सकेगी। नियमों के अनुसार की लीज की राशि इनको चुकता करनी होगी। इसके साथ सामाजिक संस्थाओं ने भी बड़े पैमाने पर यहां सरकारी जमीन की लीज के लिए आवेदन कर रखे हैं जिनकी योजनाएं भी अब सिरे चढ़ सकती हैं।