12 हजार आंगनबाड़ी केंद्र ग्रेड वन-टू

By: Sep 10th, 2017 12:15 am

महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने ग्रामसभाओं से करवाया मूल्यांकन

newsशिमला —  प्रदेश में बच्चों को शालापूर्व शिक्षा और उचित पोषाहार देने के लिए दो माह पूर्व आंगनबाड़ी केंद्रों की ग्रेडिंग शुरू की गई थी। इस ग्रेडिंग में करीब 12 हजार केंद्र ग्रेड वन और टू में आए हैं। बाकी के छह हजार में कुछ कमियों के चलते उन्हें ग्रेड थ्री मिला है। अब ग्रेड थ्री में सुधार के लिए विभाग ने नए सिरे से प्रक्रिया शुरू कर दी है।  महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने दो माह पूर्व ही यह व्यवस्था शुरू की थी कि आंगनबाड़ी केंद्रों की ग्रेडिंग ग्रामसभाओं में की जाएगी और ग्रामसभा से विभाग को इस बारे में रिपोर्ट भेजी जाएगी। इस रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 18725 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 12611 केंद्र पहली और दूसरी ग्रेड पाने में कामयाब है। मूल्यांकन के लिए जो योजना है उसमें  रिपोर्ट के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों को तीन श्रेणियों के ग्रेड में विभाजित किया जाता है। मूल्यांकन के लिए 14 बिंदुओं की सूची तैयार की गई है। आंगनबाड़ी केंद्र में उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं के अनुसार ग्रेड दिया जाता है।  प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र के मूल्यांकन के लिए 14 मुख्य बिंदुओं की सूची तैयार की गई है, जिसके कुल 70 अंक रखे गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार मूल्यांकन कमेटी द्वारा 60 से 70 अंक प्राप्त करने वाले आंगनबाड़ी केंद्र को ग्रेड वन, 50 से 59 तक अंक प्राप्त करने वाले केंद्र को ग्रेड टू, और 50 से कम अंक प्राप्त करने वाले केंद्र को ग्रेड थ्री में रखा जाता ।  यह मूल्यांकन इस आधार पर किया जाता है कि किस आंगनबाड़ी में विभाग की ओर से चलाई जा रही योजनाओं को सही ढंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है और किसमें नहीं। इसमें विभाग की ओर से अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन के तहत दी जाने वाली किताबों के आधार पर बच्चों के बोलने और समझने की क्षमता, मानसिक और शारीरिक विकास, पोषण और अभिभावकों से मिले फीडबैक को आधार बनाया जाता है।


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