पढ़ना होगा आपदा से निपटने का पाठ
उच्च शिक्षा संस्थानों में कंपल्सरी होगा डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स
शिमला — उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों के कोर्स में आपदा प्रबंधन विषय को आवश्यक तौर पर शामिल करना होगा। कालेज हो या विश्वविद्यालय, सभी शिक्षण संस्थानों में छात्रों को कंपल्सरी तौर पर आपदा प्रबंधन की कोर्स की शिक्षा दी जाएगी। इस विषय को शुरू कर छात्रों को आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने के लिए जागरूक किया जाएगा। इस विषय को पढ़ने से छात्र किसी तरह की आपदा से निपटने के लिए तकनीकी रूप से सक्षम हो सकेंगे। इस कोर्स को छात्रों के लिए शुरू करने को लेकर निर्देश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से जारी कर दिए गए हैं। निर्देशों में यूजीसी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत सरकार द्वारा छात्रों को आपदा प्रबंधन पर जागरूक करने को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। इसी दिशा में आयोग ने कदम उठाया है कि छात्रों को उच्च शिक्षा में आपदा प्रबंधन कोर्स पढ़ना अनिवार्य किया जाए। इसका उद्देश्य यह है कि छात्रों को प्राकृतिक आपदाओं और आपातकाल से किस तरह निपटा जा सकता है। आयोग की ओर से कोर्स में क्या मुख्य टॉपिक शामिल किए जाने हैं, इसको लेकर प्रारूप भी तैयार कर लिया गया है। इसमें भूकंप, बम धमाके की धमकी, विस्फोट, खतरनाक पदार्थ, कैंपस गोलीबारी, आतंकी घटना, वित्तीय आपात स्थिति में अचानक स्वास्थ्य आपात स्थिति आय का अप्रत्याशित नुकसान और प्राकृतिक आपदाओं जैसे टॉपिक शािमल किए जाएंगे।
एचपीयू में चल रहा डिप्लोमा कोर्स
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्रों के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स को पढ़ने की सुविधा मिल रही है। एचपीयू में डिजास्टर मैनेजमेंट में डिप्लोमा कोर्स ही चलाया जा रहा है, लेकिन यह कोर्स कंपल्सरी तौर पर नहीं पढ़ाया जा रहा है।
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