अघोषित नकदी पर आयोग की नजर

50 हजार से ज्यादा रुपए ले जाने पर प्रस्तुत करना होगा उचित प्रमाण

शिमला  – भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशानुसार यदि कोई व्यक्ति अघोषित नकदी ले जा रहा है, तो उस पर नजर रखी जाएगी और आयकर अधिनियम-1961 के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यह बात मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुष्पेंद्र राजपूत ने रविवार को कही। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि उन्हें 50 हजार रुपए से अधिक की नकदी की उपलब्धता व उसे ले जाने पर उचित प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे। उदाहरण के लिए यदि कोई किसान सेब की बिक्री से प्राप्त धनराशि ले जा रहा है तो उसे कृषि भूमि के आवश्यक दस्तावेज व बिक्री रसीद साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे। इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति संपत्ति की बिक्री से प्राप्त धनराशि को ले जा रहा है, तो उसे पंजीकरण दस्तावेज या समझौते की प्रतिलिपि प्रस्तुत करनी होगी। व्यवसायी को बैंक से आहरण की गई धनराशि के लिए बैंक की स्टेटमेंट प्रस्तुत करनी होगी। बैंक में धनराशि जमा करने के लिए व्यवसायी को संबंधित व्यवसाय की कैशबुक की प्रतिलिपि साथ रखनी होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि जांच दल द्वारा प्रदेश में बिना उचित साक्ष्य व दस्तावेज से पकड़ी गई धनराशि को जांच निदेशालय आयकर विभाग द्वारा जब्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां भी निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान अधिक नकदी की उपलब्धता की सूचना मिलेगी तथा संबंधित व्यक्ति उसके पास उपलब्ध नकदी अथवा अन्य बहुमूल्य वस्तुओं के बारे में जांच अधिकारी को संतोषजनक जानकारी नहीं दे पाएगा, तो ऐसे में आयकर विभाग आयकर अधिनियम के प्रावधानों के तहत ऐसे व्यक्ति के कार्यालय एवं आवास की जांच कर सकता है। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग सभी होटलों एवं फार्म हाउसों पर भी कड़ी नजर रखेगा तथा किसी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की सूचना के लिए होटल प्रबंधन अथवा उनके मालिकों से प्रतिदिन सूचना एकत्र करेगा। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक परिसरों अथवा आवासों में भारी मात्रा में नकदी की उपलब्धता की शिकायत की स्थिति में पुलिस तथा कार्यकारी दंडाधिकारी की सहायता से आयकर नियमों के अनुरूप आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।