अभी भी अधूरा पहला इंजीनियरिंग कालेज

सुंदरनगर— सुंदरनगर के भेच्छणाधार में स्थित प्रदेश के पहले इंजीनियरिंग कालेज में 11 साल बाद भी सभी भवनों का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। आज भी कालेज के ई-ब्लॉक का भवन करीब चार करोड़ से बनकर तैयार हो गया है। अब कालेज के इस भवन को उद्घाटन का इंतजार है। इस ब्लॉक के बनने से जहां कालेज में मेकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रशिक्षुओं के लिए स्थायी वर्कशॉप होगी, वहीं विभिन्न सुविधाएं मिलेंगी। इससे पूर्व मेकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रशिक्षुओं के लिए वर्कशॉप दूसरे भवन में चलाई जा रही थी, लेकिन इस भवन के बनते ही यहां मेकेनिकल विभाग को अलग से वर्कशॉप की सुविधा इस भवन में मिलेगी। खास बात यह है कि इंजीनियरिंग कालेज के ई ब्लॉक का निर्माण का कार्य वर्ष 2013 में करीब दो करोड़ की राशि का अवार्ड किया गया था। इस समय के प्रारूप के अनुसार यह भवन दो मंजिला ही बनाया जाना था, परंतु बाद में इसके प्रारूप में बदलाव किया गया और इसे दो के स्थान पर तीन मंजिला बनाया गया, जिसके कारण भवन निर्माण को करीब चार वर्ष लग गए। इस कालेज के सभी ब्लॉकों के निर्माण का जिम्मा दिल्ली की एक कंपनी को करीब 22.41 करोड़ रुपए में सौंपा गया था, लेकिन दिल्ली की यह कंपनी आधा-अधूरा कार्य छोड़कर चली गई थी, जिसके बाद हर ब्लॉक के निर्माण कार्य के टेंडर अलग से अवार्ड करने का निर्णय लिया गया था। इनमें से ए, बी और सी ब्लॉक का निर्माण कार्य वर्ष 2012 में पूरा हो पाया था। सुंदरनगर के भेच्छणाधार में 11 साल पहले बना था जवाहर लाल नेहरू संस्थान, चार करोड़ से बने ई-ब्लॉक का नहीं हुआ उद्घाटन

1000 प्रशिक्षु

राजकीय जवाहर लाल नेहरू इंजीनियरिंग कालेज में वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से करीब एक हजार प्रशिक्षु शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। कालेज में वर्तमान में मेकेनिकल इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाई जा रही है।

शुरू से ही विवादों में था संस्थान

राजकीय जवाहर लाल नेहरू इंजीनियरिंग कालेज के भवन का निर्माण कार्य शुरू से ही विवादों में रहा है। कालेज का शुभारंभ वर्ष 2006 में पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही हुआ था। उस दौरान राजकीय बहुतकनीकी संस्थान के कैंपस में मेकेनिकल ट्रेड के साथ कालेज की कक्षाएं शुरू की गई थी।