अमरीकी कच्चे तेल का बाजार बनेगा भारत

देश ने आयात के लिए एक क्षेत्र पर निर्भर न रहने को मंगवाया ज्यादा तेल

नई दिल्ली— भारत अगले कुछ महीनों में अमरीका के कच्चे तेल का महत्त्वपूर्ण बाजार बनने जा रहा है। इस सिलसिले में भारत की रिफाइनरियां जांच-पड़ताल के अमरीका से कच्चा तेल मंगवा रही हैं, ताकि आयात के लिए किसी एक देश या क्षेत्र पर निर्भरता कम की जा सके। हाल में अमरीका ने तेल निर्यात साप्ताहिक रिकॉर्ड बना लिया। इस दौरान उसने हर दिन 20 लाख बैरल कच्चा तेल दूसरे देशों को भेजा, लेकिन भारत को तेल निर्यात न के बराबर रहा है। हालत यह है कि 2015 में क्रूड ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध हटने के बाद से भारत को कुछ ही खेप मिली, लेकिन अब भारतीय रिफाइनरियों ने अमरीका से ज्यादा मात्रा में तेल मंगवाना शुरू कर दिया। दरअसल, भारत मध्य पूर्व के देशों के अलावा अन्य देशों से तेल आपूर्ति बढ़ाना चाहता है। रिफाइनरियों में अमरीका के दोनों तरह के कच्चे तेल की टेस्टिंग हो रही है। किसी नई जगह से क्रूड ऑयल मंगवाने पर ऐसी टेस्टिंग होती ही है। अमरीकी शहर ह्युस्टन के एक ऑयल ब्रोकर ने कहा,  इनमें से कई (भारतीय रिफाइनरीज) यह देखना चाहते हैं कि क्या वे इसका संचालन कर सकते हैं। वे अमरीकी क्रूड को परखना चाहते हैं। व्यापारियों एवं दलालों का कहना है कि विदेशी रिफाइनरियों ने अमेरिकी क्रूड बेंचमार्क के मुकाबले फिजिकल ग्रेड्स के लिए ऊंची बोलियां लगाईं। इनमें भारत में मौजूदगी वाली विदेशी रिफाइनरियां भी शामिल हैं। यूएस ईआईए के जुलाई तक के आंकड़े बताते हैं कि इस साल सिर्फ फरवरी में ही अमरीका से कच्चा तेल भारत आया था। अगस्त में इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने नौ लाख 50 हजार बैरल ईगल फोर्ड शेल ऑइल खरीदा था,  जबकि इतनी ही मात्रा में मार्स क्रूड ऑयल की डिलिवरी अक्तूबर के अंत में हुई थी। अक्तूबर महीने में कंपनी ने यूएस साउदर्न ग्रीन कैनियन (एसजीसी) और डब्ल्यूटीआई मिडलैंड क्रूड से दस-दस लाख बैरल तेल खरीदा था।