आचार संहिता से ठीक पहले थोक में तबादले

By: Oct 13th, 2017 12:15 am

शिमला –  हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले ही करीबन सभी सरकारी महकमों में हजारों तबादला आदेश जारी किए गए। कइयों की फाइलें दो महीने से लंबित थीं, जिन्हें गुरुवार को ही निपटा दिया गया। इनमें सबसे बड़े तबादले शिक्षा, आईपीएच, पीडब्ल्यूडी में किए गए, जबकि राजस्व व ट्रांसपोर्ट सरीखे महकमे भी इसमें शामिल थे। तबादला आदेशों के लिए कई मंत्रियों के फोन भी अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों से दिन भर सचिवालय में दनदनाते रहे। सरकारी विकास कार्यों के जो होर्डिंग्स प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लगाए गए थे, उन्हें भी गुरुवार से ही हटाना शुरू किया गया है। कई महकमों में पदोन्नतियों की रेवडि़यां भी बांटी गईं। हालांकि अभी तक बैकडोर एंट्री की कोई सूचना नहीं है। आचार संहिता लागू होने के कारण पर्यटन विकास निगम में कई भर्तियां लटक गई हैं। पुलिस कांस्टेबलों के साक्षात्कार की प्रक्रिया भी लटकेगी। इसके लिए चुनाव आयोग से पूर्वानुमति लेना आवश्यक होगा।

हर्षवर्द्धन ने छोड़ी चेयरमैन की कुर्सी

आचार संहिता लागू होते ही राज्य रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी के चेयरमैन हर्षवर्द्धन चौहान ने पद छोड़ दिया है। मुख्यमंत्री को उन्होंने इस्तीफा सौंप दिया है व सरकारी वाहन भी छोड़ दिया है। हालांकि अभी तक अन्य वाइस चेयरमैन व चेयरमैन अपने-अपने पदों पर बने हैं।

मंत्री-सीपीएस यूज नहीं कर सकेंगे सरकारी गाड़ी

आचार संहिता लागू होते ही मंत्री, सीपीएस व चेयरमैन व वाइस चेयरमैन सरकारी वाहनों का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। चुनाव क्षेत्रों के लिए भी उन्हें इसकी छूट नहीं होगी। उन्हें निजी वाहनों के प्रयोग की अनुमति होगी। किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम व रैलियों तक में सरकारी वाहन नहीं ले जाए जा सकेंगे। अब न कोई राजनेता किसी भी तरह की घोषणा कर पाएगा, न ही शिलान्यास व उद्घाटन।

वन अफसर चुनाव आयोग के निर्देशों से बाहर

आयोग ने सरकार को निर्देश दिए थे कि अरसे से एक सीट पर जमे अधिकारियों को तबदील किया जाना चाहिए, मगर तीन साल से भी ज्यादा अवधि से एक ही पद पर जमे भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को प्रदेश के किसी भी क्षेत्र से स्थानांतरित नहीं किया गया, जबकि भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के बड़े स्तर पर तबादले किए जाते रहे।

नहीं हो सकेंगे नतीजे घोषित

आचार संहिता के दौरान किसी भी परीक्षा के नतीजे घोषित नहीं हो पाएंगे। यानी हजारों भर्तियों के मामले लटक सकते हैं।

सरकघाट के  डीजीएम अब धर्मशाला में एचआरटीसी में डीजीएम सरकाघाट राजकुमार सरयाल, जिनके पास ट्रैफिक का जिम्मा भी था, उन्हें धर्मशाला स्थानांतरित किया गया है।


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