‘आयुर्वेद से दर्द प्रबंधन’ पर मंथन

मंडी – आयुर्वेद के माध्यम से बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज संभव है और नब्ज देख कर ही बहुत सी बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। ये शब्द  डा. मोहन लाल शांडिल्य उपनिदेशक आयुर्वेदिक विभाग मंडी ने  दूसरे राष्ट्रीय आयुर्वेदिक दिवस पर कहे। दूसरे राष्ट्रीय आयुर्वेदिक दिवस की थीम ‘आयुर्वेद से दर्द प्रबंधन’ रखी गई थी। इस दौरान आयुर्वेद से इलाज और दर्द प्रबंधन पर गहन मंथन किया गया।  दर्द प्रबंधन के लिए आयुष मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार जोनल अस्पताल मंडी में जिला आयुर्वेदिक विभाग द्वारा दूसरा राष्ट्रीय आयुर्वेदिक दिवस मनाया गया। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक माना जाता है। इसके चलते आयुष मंत्रालय की ओर से यह दिवस धनतेरस के दिन ही मनाया जाता है। ऐसे में जोनल अस्पताल में सदर ब्लॉक के एएमओ ने आयुर्वेद के माध्यम से विभिन्न बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए पेन मैनेजमेंट पर चर्चा की। जिला आयुर्वेद अधिकारी डा. मोहन लाल शांडिल्य ने सेमिनार में आए चिकित्सकों से आह्वान किया कि वे नित्यप्रति पद्धति में आयुर्वेदिक के माध्यम से लोगों का उपचार करें। साथ ही उन्होंने चिकित्सकों को व्यावहारिक रूप से आयुर्वेद के माध्यम को अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस बार दूसरा राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया गया, जिसमें अस्पताल में सदर ब्लॉक के सभी आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर विभिन्न ब्लॉक से आए एएमओ ने भी आयुर्वेद पर अपने विचार रखे, जिसमें डा. विक्रांत ठाकुर, डा. विकास, डा. मीना, डा. सचिन व डा. नितिन शामिल रहे। इस मौके पर सदर आयुर्वेदिक मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. देव वर्मा, जिला आयुर्वेदिक अस्पताल मंडी के एमएस डा. राकेश ठाकुर, डा. हर्ष, डा. सचिन, डा. राजीव, डा. विक्रांत, डा. विकास, डा. पंकज व डाबर उत्पाद विशेषज्ञ कुलदीप राणा मौजूद रहे।