आवाज उठाने पर मिलती है बर्खास्तगी

By: Oct 1st, 2017 12:00 am

मंडी — कांगेरस सरकार कर्मचारी विरोधी है। यह सरकार कर्मचारियों के मुद्दों को तो पांच साल सुलझा नहीं पाई, उल्टा कर्मचारियों को डरा-धमका कर मुंह बंद करवाने की कोशिश करती रही। ये आरोप हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री एनआर ठाकुर ने लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पांच सालों में हजारों कर्मचारियों के तबादले किए तथा जिस भी कर्मचारी नेता ने सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों को उजागर करने की कोशिश की, उसे चार्जशीट, बर्खास्तगी और कारण बताओ नोटिस का सामना करना पड़ा। इसका ताजा उदाहरण परिसंघ के अध्यक्ष विनोद कुमार को बर्खास्त करना तथा कुशल कुमार मुख्य प्रारूपकार को मानसिक और शारीरिक तौर पर अधिकारियों द्वारा तंग करना है। उन्होंने कहा कि विनोद कुमार का कसूर सिर्फ इतना है कि उन्होंने अपने विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार को सबके सामने लाने की कोशिश की। सरकार को चाहिए था कि भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों को दंड देती, लेकिन यहां भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले कर्मचारी नेता को ही सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। एनआर ठाकुर ने कहा कि महासंघ भ्रष्टाचार उजागर करने वाले कर्मचारी नेता विनोद कुमार और कुशल कुमार के साथ चट्टान की तरह खड़ा है और उनके पक्ष में महासंघ को जो भी उचित कदम उठाना पड़ेगा, वह उठाएगा, ताकि भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे हुए अधिकारियों और नेताओं को सबक मिल सके।


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