इस हफ्ते की फिल्म : बड़े सपने देखने की कहानी है ‘रांची डायरीज’

By: Oct 15th, 2017 12:07 am

फिल्म का नाम : ‘रांची डायरीज’

निर्देशक : सात्विक मोहंती

निर्माताः अनुपम खेर

कलाकार : हिमांश कोहली, सौंदर्या शर्मा, ताहा शाह, अनुपम जिमी शेरगिल 

दिव्य हिमाचल रेटिंग॒ **/5

डायरियां पढ़ने-देखने के काबिल नहीं होती, क्योंकि उनमें कुछ होता ही नहीं। कुछ फिल्में भी ऐसी होती हैं। निर्देशक के रूप में पहली फिल्म बनाने वाली सात्विक मोहंती की ‘रांची डायरीज’ इसी श्रेणी में आती है। वह निराश करते हैं। फिल्म को कॉमिक अंदाज में बनाने की कोशिश है, जो बुरी तरह नाकाम नजर आती है। कहीं किसी रूप में हास्य पैदा नहीं होता और न गुदगुदी होती है। अपने सपनों को पूरा करने या रातोंरात अमीर बनने के लिए बैंक डकैतियों की न जाने कितनी अच्छी-बुरी कहानियां पर्दे पर आ चुकी हैं।रांची डायरीज भी इसी राह पर चलती है। जिसमें रांची में रहने वाले कुछ युवा बड़े सपने देखते हैं। इनमें हमेशा पॉजिटिव सोचने का फंडा देने वाली गुडि़या (सौंदर्या शमा) के दिमाग में बैंक में डकैती डालने का आइडिया आता है। एक डकैती सारी मुश्किलों को हल कर सकती है। फिल्म में लोकल डॉन और राजनेतानुमा ठाकुर साहब (अनुपम खेर) और इंस्पेक्टर लल्लन सिंह (जिमी शेरगिल) भी हैं। दोनों मामा-भानजे हैं मगर विपरीत सोचते हैं। झारखंड की कहानी होने से लेखक-निर्देशक ने इसमें नक्सली एंगल भी डाल दिया है। कुल मिला कर फिल्म में ऐसा कुछ नहीं जो आपने पहले देखा-सोचा न हो। फिल्म का सबसे रोचक बिंदु आखिरी मिनट में आता है जब डकैती में कामयाब युवा करोड़ों में खेल रहे होते हैं कि तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टीवी पर नोटबंदी की घोषणा करते हैं। पुराने नोट बंद होने से युवा सपनों पर फिर पानी फिर जाता है। मतलब यह कि शॉर्टकट कभी भी धोखा दे सकता है। इसे ही आप कहानी का संदेश समझ लें


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