उगने से पहले रौंदी मखमली घास

मंडी —  जिस शहीद हवलदार किशन चंद पड्डल मैदान में खिलाडि़यों को छह माह से जाने की इजाजत नहीं थी, जिस मैदान के कायाकल्प पर ही नौ माह से 1.30 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, यही नहीं, जिस मैदान से खास तौर पर विदेश से मंगवाई गई मखमली घास लगाने का काम चला, वह घास उगने से पहले ही शनिवार को उजड़ गई। दरअसल मैदान जून माह से लोगों व खिलाडि़यों के लिए बंद कर दिया गया था। इसके बाद पिछले करीब दो माह से मैदान में अच्छी खासी रकम खर्च कर विदेश से मंगवाई गई मखमली घास लगाने का काम चला हुआ था। इसके लिए खिलाडि़यों सहित अन्य लोगों की एंट्री भी पड्डल मैदान बंद कर दी गई है, लेकिन शनिवार को राजनीतिक रैली के लिए उस पड्डल मैदान की घास की भेंट चढ़ गई। लोगों में इस बात का भी रोष है कि जिस मैदान के कायाकल्प के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किया जा रहा है और इतने महीनों से जिसे बंद कर दिया गया था, उसे एक दिन में ही फिर से उजाड़ दिया गया। ऐसे में लोगों में इस मसले पर सवाल उठाना लाजिमी हैं। रैली के लिए बनाए गए स्टेज के लिए भी मैदान में गड्ढे किए गए हैं। जिस मैदान में मखमली घास के लिए महीनों से किसी के पांव पड़ने नहीं दिए गए, उसी मैदान  में एक साथ करीब 40 हजार पांव पड़े। ऐसे में खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पड्डल मैदान की मखमली घास का रैली से क्या हश्र हुआ होगा।

अब कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी

खेल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मैदान का काम चला है इसलिए मैदान प्रशासन के पास है। ऐसे में यह भी सवाल उठना लाजिमी है कि रैली के लिए मैदान को जो क्षति पहुंची है, उसकी भरपाई कौन करेगा, क्योंकि मैदान बंद होने से खिलाडि़यों व स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।