उद्योगों की अनदेखी पर भड़के बंसल

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने प्रशासन से लीजहोल्ड सिस्टम वापस लेने का किया आग्रह

चंडीगढ़  —  पूर्व केन्द्रीय मंत्री और शहर के पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल ने चंडीगढ़ में उद्योगों की पूरी तरह से उपेक्षा किए जाने की कड़ी निंदा की है। मीडिया के नाम जारी एक प्रेस बयान में श्री बंसल ने कहा कि प्रशासन शहर के विकास में एमएसएमई के योगदान की पूरी तरह से अनदेखी कर रहा है और जबकि प्रशासन को उनके विकास के लिए ठोस कदम लेने चाहिएं। उन्होंने प्रशासन से लीजहोल्ड सिस्टम को वापस लेने का आग्रह किया, क्योंकि यह चंडीगढ़ में उद्योग की विकास में बाधा और परेशानी पैदा कर रहा है। चंडीगढ़ में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने उद्यमियों को उचित दरों पर फ्रीहोल्ड आधार पर भूखंडों को आवंटित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस कदम से शहर की जीडीपी को बढ़ाया जा सकेगा और युवाओं के लिए आय के नए अवसर तैयार किए जा सकेंगे। कारोबार में बदलाव यानि कनर्वजन ऑफ ट्रेड के मामले में उन्होंने कहा कि चूंकि इसमें दो कनाल से ऊपर के औद्योगिक प्लाट में ही कनर्वजन की अनुमति दी जाती है, इसलिए इससे अधिक फायदा नहीं हो रहा है। इस नियम का विस्तार कर इसे पांच मरला के भूखंडों तक भी बढ़ाया जाना चाहिए। एफएआर पर भेदभाव ने एमएसएमई क्षेत्र के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाला है जबकि वह सबसे अधिक रोजगार प्रदान करनेवाला और शहर के विकास में प्रमुख योगदानकर्ता है। उन्होंने कहा कि लीजहोल्ड सिस्टम, आज के समय में वेतुकी लगती है और आज इसने अर्थ खो दिया है। यह वास्तव में उद्यमियों को दबाने की प्रक्रिया है ताकि वे फ्रीहोल्ड संपति को जमानत के तौर पर रख नहीं पाएंगे और ऋण या उधार भी नहीं प्राप्त कर पाते । ये उनके साथ सरासर अन्याय है कि उन्हें इस तरह से अपने कारोबार के विस्तार से रोका जा रहा है। बंसल ने कहाए इंडस्ट्रियल एरिया के तीसरे फेज के लिए अधिग्रहित भूमि को किराएदारों को आवंटित किया जाना चाहिए, क्योंकि वे वरतमान गुज़ारा करने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। आवंटित पांच मरला शेड्स को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए पहली और दूसरी मंजिल बनाने की अनुमति भी होनी चाहिए और स्टार्टअप उद्यमियों को भी मदद की जानी चाहिए। उन्होंने अफसोस जताया कि एक तरफ  हम विदेशियों को भारतीय उद्योगों में निवेश के लिए आमंत्रित कर रहे हैं, वहीं हम अपने स्थानीय यूनिट्स को अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान नहीं कर रहे हैं। यह स्थानीय उद्योग ही हैं जिन्होंने चंडीगढ़ के विकास में किया है।