एनजीटी के पैरामीटर पर नहीं रल्ली स्टोन क्रशर

रिकांगपिओ  — रल्ली स्टोन क्रशर मामले में एक के बाद एक कई नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। आरटीए से खुलासा हुआ है कि राजेंद्र इन्फ्रास्ट्रक्चर नामक कंपनी ने रल्ली के पास स्टोन क्रशर स्थापित करने के लिए उप मोहला रल्ली के खसरा नंबर 355-11 गैरमुकिन सड़क पर आवेदन किया था, जिसका बाकायदा एसडीएम कल्पा की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय कमेटी द्वारा ज्वाइंट इंस्पेक्शन करवाया गया। ज्वाइंट इंस्पेक्शन में एनजीटी के पैरामीटर के अनुरूप स्टोन क्रशर स्थापित करने वाले स्थान से नदी, सड़क, पुल सहित परियोजना रेजरवाय आदि की दूरी दर्शाया जाना था। कमेटी ने उस ज्वाइंट इंस्पेक्शन की रिपोर्ट में नदी, पुल, सड़क सहित परियोजना रेजरवाय की जो दूरी को दर्शाया गया है। वह दूरी एनजीटी के पैरामीटर को पूरा नहीं कर पा रहा था, लिहाजा कमेटी ने उस स्थान पर क्रशर प्लांट स्थापित करने की अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन कंपनी ने माइनिंग विभाग के रहमोकर्म पर रल्ली के निकट किसी अन्य स्थान पर जो एनएच, पुल सहित सतलुज नदी से मात्र दस से पंद्रह मीटर की दूरी पर ही स्टोन क्रशर स्थापित कर दिया था। अब जब यह पूरा मामला एक के बाद एक मीडिया की सुर्खियां बनते ही जिला माइनिंग अधिकारी कंपनी को अपने हालात पर छोड़कर चले गए। ऐसी सूरत में कंपनी प्रबंधन अधिकारियों व राजनेताआें के क्षरण में पहुंच कर किसी न किसी तरह क्रशर प्लांट को चलाने की जुगत में लगे हुए हैं। इस पूरे, मामले पर, जहां राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा चुप्पी साधे रहने की सूरत में अब कई स्वयंसेवी संगठन व बुद्धिजीवी वर्ग सामने आने शुरू हो गए हैं। राधाकृष्ण नेगी, आरएस नेगी, राम नंद नेगी, रवि नेगी, विनय नेगी, वीरेंद्र नेगी, शांता नेगी, अजेंद्र नेगी, सत्यजीत नेगी, कृष्ण गोपाल, सीडी नेगी, अभिषेक, शेखर, विनोद आदि ने इस पूरे मामले की कड़ी निंदा की है।