कार्बन उत्सर्जन में दो फीसदी कटौती

पीएटी का पहला चरण; भारतीय उद्योगों ने तीन साल में पाई सफलता

नई दिल्ली— ऊर्जा की अधिक खपत करने वाले प्रमुख भारतीय उद्योगों ने वर्ष 2012 से 2015 के दौरान लक्ष्य से 30 प्रतिशत अधिक तीन करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन कम करने में सफलता हासिल की है, जो देश के  कुल वार्षिक उत्सर्जन का करीब दो प्रतिशत है। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की कार्बन उत्सर्जन कम करने संबंधी परफॉर्म, अचीव और ट्रेड (पीएटी) योजना के पहले चरण में 400 से अधिक उद्योगों ने इन तीन वर्षों में करीब 31 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन कम किया। इस चरण में एल्युमीनियम, सीमेंट, कोर-अल्कली, उर्वरक, लोहा एवं इस्पात, पल्प एवं पेपर, कपड़ा और तापीय ऊर्जा संयंत्र जैसे ऊर्जा आधारित क्षेत्रों के 478 नामांकित उद्योगों (डीसी) को कवर किया गया। ऊर्जा की खपत में इन उद्योगों की हिस्सेदारी 33 प्रतिशत है। इस योजना के परिणामस्वरूप 86.7 लाख टन तेल के बराबर ऊर्जा की बचत हुई है, जो 68.6 लाख टन के लक्ष्य के मुकाबले 30 फीसदी अधिक है। इसकी बदौलत 5635 मेगावाट बिजली के उत्पादन से भी बचा जा सका, जिससे 37685 करोड़ रुपए की आर्थिक बचत हुई और ऊर्जा उपभोग में कमी से 9500 करोड़ अतिरिक्त रुपए बचाए गए। पीएटी के दूसरे चरण में 11 क्षेत्रों की 116 नई इकाइयों समेत 621 इकाइयों को शामिल किया गया है और 8.869 लाख टन तेल के बराबर ऊर्जा (एमटीओई) की खपत की बचत करने का लक्ष्य रख गया है। इसमें पहले चरण के आठ क्षेत्रों के अलावा रेलवे, डिस्कॉम तथा पेट्रोलियम रिफाइनरियों जैसे तीन नए क्षेत्रों को शामिल किया गया है।