कालेज की दुकानों पर नगर परिषद की कुंडली

सुंदरनगर —  कब्जाधारियों को खदेड़ने वाली नगर परिषद स्वयं ही राजकीय संस्कृत कालेज सुंदरनगर की चार दुकानों पर कब्जा जमा कर बैठी हुई है। पिछले दस सालों से कालेज की दुकानों पर अपनी हुकूमत जमाए हुए है, जिसके कारण कालेज प्रबंधन सुविधा होने के बावजूद स्वयं ही मायूस होकर खाली हाथ बैठे हैं। वर्ष 2001 में कालेज ने 20 लाख के करीब धन राशि शिक्षा विभाग के खाते से खर्च करके कालेज परिसर में दुकानों का निर्माण कार्य करवाया था, जिसमें नगर परिषद ने भी समय रहते कालेज प्रबंधन की आर्थिक व अनार्थिक तौर पर मदद की थी, जिसका हिसाब किताब पूरा हो चुका है। कालेज प्रबंधन को वर्ष 2007 में ये दुकानें सुपुर्द कर दी गई थीं, लेकिन नगर परिषद ने उस समय से कब्जा जमाया हुआ है। कालेज प्रबंधन की ओर से कई बार दुकानों को खाली करवाने के लिए पत्राचार भी किया गया। साथ ही स्थानीय विधायक एवं सीपीएस सोहन लाल ठाकुर से भी कालेज प्रबंधन वार्तालाप कर चुका है, लेकिन वर्तमान में नतीजा जीरो रहा है। नगर परिषद अध्यक्ष पूनम शर्मा को भी हाउस में प्रस्ताव पारित करके उक्त दुकानों को कालेज प्रबंधन के हवाले करने की हामी भरी थी, लेकिन यह आश्वासन मात्र खोखले ही साबित हुए हैं। कालेज प्रबध्ांन का यहां पर बच्चों की सुविधा के लिए कैंटीन चलाने का प्लान है। वर्तमान में कालेज में  साढ़े पांच सौ के करीब बच्चे प्रदेश के विभिन्न जिलो से यहां पर संस्कृत का ज्ञान अर्जित करने के लिए आते है,  लेकिन कालेज परिसर में पर्याप्त सुविधाएं न होने से बाजारों की ओर रुख करने को बच्चे विवश हैं।