कुल्लू में पार्किंग को जगह नहीं; पर अतिक्रमण की कोई सीमा नहीं

By: Oct 21st, 2017 12:40 am

शहर में दिक्कतों से परेशान लोग नेताओं से मांगेंगे जवाब; मजबूरन सड़क किनारे खड़ी करनी पड़ रही गाडि़यां, नहीं हुआ समाधान

कुल्लू — विधानसभा चुनावों का बिगुल बजते ही कुल्लू में राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं। कुल्लू शहर में हर कोई व्यक्ति कार पार्किंगों के लिए चीखता है, लेकिन उसके बाद भी सरकार व स्थानीय नेताओं का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। यही कारण है कि लोगों को कुल्लू शहर में कार की पार्किंग करने के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। इतना ही नहीं, कई बार तो कुल्लू शहर में कार पार्किंग को लेकर ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों के साथ भी लोगों का झगड़ा हो चुका है। अधिकतर लोगों को नो-पार्किंग जोन में गाडि़यां खड़ी करने के लिए चालान भी भुगतने पड़ रहे हैं। कुल्लू के गांधीनगर में तो कई घर ऐसे हैं, जिनके पास तो अपनी कारों को खड़ी करने तक की जगह नहीं है। गांधीनगर और शास्त्रीनगर में तो लोगों को रात के समय सड़कों के किनारे ही अपने-अपने वाहनों को खड़ा करना पड़ता है, जिस कारण कई बार सड़क के किनारे खड़े वाहनों के मालिकों को नुकसान भी उठाना पड़ चुका है। कुल्लू शहर के अलावा अन्य जगहों पर सही ढंग से पार्किंगों का निर्माण नहीं हो पाया है। बता दें कि गांधीनगर और शास्त्रीनगर के साथ-साथ कुल्लू के आखाड़ा बाजार में अच्छे से अच्छे रेस्तरां बने हुए हैं। अधिकतर लोग इन रेस्तराओं में जाना भी चाहते हैं, लेकिन कार पार्किंग की दिक्कत की वजह से समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार सरकारों ने चुनावों के ऐन मौके पर कार पार्किंगों की लोगों को सौगात भी दी, लेकिन अभी भी शहर में लोगों को अपनी गाडि़यों को खड़ी करने में काफी दिक्कतें पेश आती हैं। ऐसे में अब विधानसभा चुनावों में लोगों ने पार्किंग के मुद्दे को भी प्रमुखता से बनाने का फैसला लिया है। कुल मिलाकर यूं कहा जाए तो कई गलत न होगा कि कई दुकानदारों का काम कार पार्किंग की वजह से पिट भी जाता है। दूसरी ओर कुल्लू के सरवरी से कोर्ट तक लिफ्ट लगाने की योजना भी अभी धरी की धरी ही रह गई है। पिछले चुनावों में स्थानीय विधायक ने इस काम को प्रमुखता से करवाने का फैसला लिया था, लेकिन अभी यह काम मात्र कागजों में ही हो रहा है। कुल्लू शहर की ये सारी योजनाएं धरी की धरी रह गई हैं। ऐसे में अब चुनावों के दौरान कुल्लू शहर के विभिन्न पार्टियों के नेता शहरवासियों को कैसे संतुष्ट कर पाते हैं, यह देखने वाली बात होगी।

आधी सड़क पर दुकानें

कुल्लू शहर की सुंदरता को अतिक्रमण का ग्रहण लग रहा है। अतिक्रमण से छुटकारा दिलाने के लिए प्रशासन ने रेहड़ी-फड़ी धारकों के लिए विशेष स्थान भी चिन्हित किए हुए हैं, लेकिन उसके बाबजूद कुल्लू शहर में अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। लोअर ढालपुर में अधिकतर दुकानदार अपनी दुकानों को आधी-आधी सड़क तक सजा देते हैं, जिस कारण लोगों को पैदल चलने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

मात्र एक हजार वाहनों को पार्किंग

कुल्लू शहर में मात्र एक हजार के करीब ही गाडि़यों को पार्क करने की मुश्किल से जगह है, जबकि शहर में तीन से चार हजार गाडि़यों के होने का अनुमान है। वहीं अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में तो कई लोगों को पांच से सात किलोमीटर शहर से पीछे ही गाडि़यां पार्क करनी पड़ती हैं, जिस कारण लोगों व वाहन मालिकों को शहर में आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।


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