गड्ढों में बदली प्रदेश भर की सड़कें

शिमला-मटौर हाई-वे की हालात बदतर; जगह-जगह उखड़े रोड, टायरिंग-पैच वर्क न होने से उड़ रही धूल से दिक्कत

शिमला – राज्य में सड़कों की हालात खराब है। सड़कें जगह-जगह उखड़ी हुई हैं और गड्ढों में तबदील हो गई हैं। शिमला-मटौर हाई-वे की हालात भी बदतर बनी हुई है। इससे लोगों को इन सड़कों पर वाहन चलाने में मुश्किलें हो रही हैं। हालांकि कहने को यह राष्ट्रीय राजमार्ग है, लेकिन इसकी हालात ग्रामीण सड़कों से भी बदतर बनी हुई है। ऐसे में इस सड़क पर वाहन चलाना टेढ़ी खीर से कम नहीं है। यही नहीं, इन दिनों सड़क पर धूल मिट्टी के गुबार उड़ रहे हैं। इससे इस सड़क पर बस और दूसरे वाहनों से यात्रा करने वालों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। प्रदेश की दूसरी सड़कों की हालात भी बदतर बनी हुई है। राज्य की बात करें तो यहां पर करीब 35 हजार किलोमीटर लंबी सड़कें हैं। इनमें से करीब करीब 23 हजार किलोमीटर  सड़कें वैसे तो पक्की हैं और करीब 12 हजार कच्ची हैं, लेकिन पक्की सड़कों की भी हालात सही नहीं है। ये सड़कें उखड़ी हुई हैं। यह सही है कि प्रदेश में अबकी बार बरसात से भी सड़कों को नुकसान पहुंचा है, ऐसे में इन सड़कों की हालात खराब हुई है। इनको दुरुस्त करवाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सड़कों की टायरिंग करना तो दूर, इन पर पैच वर्क नहीं किया जा रहा। प्रदेश में अधिकांश सड़कें खराब हालात में हैं। हालांकि राज्य में इक्का-दुक्का सड़कों पर जरूर पैच वर्क किया जा रहा है, लेकिन अधिकांश सड़कों की हालात जस की तस बनी हुई है। सोलन से शिमला और शिमला से नारकंडा जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग की हालात भी खराब बनी हुई है। यह सड़क भी कई जगह उखड़ी हुई है। राजधानी शिमला के समीप ही इस सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं और इससे उड़ रही धूल लोगों का स्वागत कर रही है। वहीं कुछ जगह हालात ये हैं कि पहले से की गई टायरिंग भी उखड़ गई है। वैसे इस सड़क पर पहले टायरिंग की गई थी, लेकिन यह टायरिंग अब उखड़ने लगी है। सड़कों पर गड्ढे बने हुए हैं और ऐसे में इन पर वाहन हिचकोले खाते हुए गुजरते हैं।

बरसात ने बिगाड़ दी व्यवस्था

बरसात के बाद सड़कों की स्थिति तो और भी दयनीय हो गई गई है। कुल्लू, किन्नौर, सिरमौर, सोलन और अन्य जिलों में भी कमोबेश यही हालात हैं। हिमाचल में सड़कें ही यातायात का मुख्य साधन हैं। प्रदेश का अधिकतर माल ढुलान और यात्री सड़कों से ही सफर करते हैं। सड़कें खराब होने से किसान को अपनी फसल मार्केट तक पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं।