ठियोग बाइपास, औपचारिकताओं में लग गए पांच साल

ठियोग— प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के कुछ समय बाद ठियोग में करोड़ों के शिलान्यास किए थे, जिनमें ठियोग बाइपास भी शामिल है। पांच साल बीत जाने के बाद अब जाकर इसका काम शुरू हो पाया है, यानी ठियोग बाइपास निर्माण को लेकर विभागीय औपचारिकताओं को पूरा करने में सरकार ने पांच साल का समय लगा दिया। इस समय ठियोग में ट्रैफिक की समस्या विकाराल है। छोटे से शहर में दो किलोमीटर तक का सफर करने में पौना घंटा तक लग जाता है। अब सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ठियोग में बाइपास की कितनी जरूरत है। ठियोग के प्रेमघाट से रहीघाट तक सवा दो किलोमीटर बाइपास का निर्माण किया जाना है। ठियोग में इसी भूमि पर गत वर्ष 14 नवंबर, 2013 को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तथा आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स द्वारा शिलान्यास किया गया था। बाइपास के निर्माण के लिए 33 करोड़ का टेंडर हुआ है। ठियोग जिला के ऊपरी शिमला का प्रमुख द्वार है और यहां से कोटखाई, चौपाल, रोहडू, रामपुर व किन्नौर के लिए बसों के अलावा दिन भर सैकड़ों निजी वाहनों की आवाजाही रहती है, लेकिन बाइपास न होने से कस्बे की तंग सड़क से होकर गुजरना बेहद मुश्किलें पैदा कर देता है। इसके अलावा ठियोग बाइपास की जद में आने वाली भूमि के लिए प्रशासन ने 224 शेयर होल्डर्ज के लिए साढ़े 14 करोड़ की जो राशि आई थी, उसमें से कुछ बांट भी दी गई है। हालांकि मुआवजे की राशि 19.90 करोड़ बनती है, लेकिन केंद्र ने फिलहाल मुआवजे की पहली किस्त को जारी कर दिया है। बाइपास के निर्माण के लिए जो भूमि मालिक अपनी जमीन देने के लिए मना कर रहे थे, उनकी जमीनों की एनएच एक्ट 1956 के तहत सरकार ने कंपल्सरी एक्वायरमेंट की है। ठियोग में बाइपास की बेहद जरूरत है। यह मुद्दा भी पिछले 20 सालों से चुनावी माहौल में सुर्खियों में रहा है। हालांकि इस बात को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता कि वर्तमान सरकार ने फिर भी इसके निर्माण को लेकर रुचि दिखाई और सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद इसका काम शुरू किया। इन दिनों रहीघाट से जनोगघाट की ओर बाइपास का निर्माण चल रहा है और ठेकेदार को एक साल के भीतर इसे पूरा करने को कहा गया है।

पोटेटो ग्राउंड का स्टेज भी टूटा

ठियोग का ऐतिहासिक पोटेटो ग्राउंड का स्टेज भी बाइपास के निर्माण कार्य के चलते तोड़ना पड़ा है, क्योंकि यहां प्रेमघाट में एक बड़ा चौराहा बनेगा। एनएच ने इसकी 28 लाख की डैमेज पेमेंट नगर परिषद को की है, हालांकि स्टेज को दोबारा से उसी तरह से बनाया जाएगा। पोटेटो ग्राउंड की यह स्टेज स्वंतत्रता सैनानियों की याद से जुड़ा हुआ है।