तीन चुनाव बीते; चौथे की तैयारी, पर कांगड़ा-चंबा की नहीं घटी दूरी

By: Oct 1st, 2017 12:15 am

NEWSभरमौर— चंबा से कांगड़ा की दूरियों को कम करने के लिए बजट हासिल करने में अब तक असमर्थ रहे राजनीतिक दल अब फिर टनल के मुद्दे पर अपनी सियासी रोटियां सेंकेंगे। होली-उतराला सुरंग निर्माण को रिजेक्ट करने के बाद होली-चामुंडा सुरंग निर्माण की योजना को आर्थिक रूप से व्यवहारिक न बताने के बाद सरकार ने भी अब अपने हाथ खडे़ कर दिए हैं। लिहाजा अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि तीन चुनावों तक भरमौर विधानसभा क्षेत्र में टनल निर्माण को अहम मुद्दा बनाने वाले राजनीतिक दल क्या फिर इस मामले पर अपनी सियासी रोटियां ही सेंकेंगे। चूंकि कांग्रेस सरकार ने होली-उतराला सुरंग निर्माण को रिजेक्ट करते हुए होली-चामुंडा टनल तैयार करने की हामी भरी थी, लेकिन टनल निर्माण को लेकर हुई एक्सरसाइज के बाद होली-चामुंडा सुरंग पर भी सरकार ने हाथ खडे़ कर दिए हैं। नतीजतन भाजपा का भरमौर विधानसभा क्षेत्र में ड्रीम प्रोजेक्ट रहे होली-उतराला टनल निर्माण को लेकर फिर सियासत यहां पर गरमाएगी। अहम है कि होली-उतराला सुरंग निर्माण तीन विधानसभा चुनावों में खूब गूंजता रहा। दोनों राजनीतिक दलों ने हलके में इस निर्माण को अहम मुद्दा बनाते हुए जनता के साथ वादे भी हर जनसभा में किए, लेकिन हकीकत में इस निर्माण को जमीनी स्तर पर आरंभ करवाने में किसी ने भी अभी तक इच्छा शक्ति नहीं दिखाई। लिहाजा होली-उतराला टनल निर्माण की सियासी तान पर जनता को नचाते रहे राजनीतिक दलों से अब क्षेत्र की जनता भी हिसाब मांगने के लिए तैयार बैठी है।

आर्थिक तौर पर व्यावहारिक नहीं है होली-चामुंडा टनल का काम

प्रदेश में सत्तासीन होने के बाद कांग्रेस सरकार ने होली-चामुंडा सुरंग का निर्माण करने की घोषणा की थी, लेकिन चुनावी वर्ष में टनल निर्माण को लेकर सामने आई रिपोर्ट में इस कार्य को आर्थिक रूप से व्यवहारिक नहीं बताया है। साथ ही इस निर्माण को लेकर अन्य कई तकनीकी पहलुओं का भी जिक्र किया है।

राजनीतिक दलों ने सिर्फ अपना उल्लू सीधा किया

जनजातीय विकास समिति होली-भरमौर के संयोजक राजेश ठाकुर रियाल व अध्यक्ष अनिल भराण समेत अन्य पदाधिकारियों का आरोप है कि टनल के मुद्दे पर अभी तक राजनीतिक दलों ने अपना उल्लू सीधा करते हुए जनता को छला है। उनका कहना है कि सुरंग निर्माण को लेकर अभी तक राजनीतिक दलों के नेताओं में इच्छाशक्ति का अभाव देखा गया है। उसी का ही नतीजा है कि घोषणाओं और कागजों में ही सुरंग का निर्माण होता रहा।

सिर्फ आश्वासन मिले टूट रहा सब्र का बांध

इसी वर्ष भरमौर में आयोजित भाजपा की रथ यात्रा के समापन पर आयोजित जनसभा में प्रदेश के दो सांसदों शांता कुमार और रामस्वरूप शर्मा जनता को आश्वस्त कर चुके हैं कि मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। बावजूद इसके जनसभा में दिए बयान के बाद नेताओं की खामोशी भी जनता को चुभने लगी है। इस मर्तबा होने वाले विधानसभा चुनाव में होली घाटी को टनल से जोड़ने की होती रही झूठी घोषणाओं पर जनता के सब्र का बांध भी टूट चुका है और यह लावा बनकर फूटने को तैयार है।


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