…तो क्या सोफत-कृष्णा को रिटायर समझें

जिला के दोनों बड़े नेता अब पहले जैसे सक्रिय नहीं, टिकट न मिलने पर कइयों ने छोड़ा मैदान

सोलन  — सोलन में कई वरिष्ठ नेता राजनीतिक परिदृष्य से गायब होते दिख रहे हैं। इसी शांता कुमार की सरकार में परिवहन मंत्री रहे महेंद्र नाथ सोफत भी इन दिनों गायब हैं।  बताया जा रहा है कि आज भी उनके आठ से दस हजार समर्थक हैं। फिलहाल वह राजनीतिक  सक्रिय नहीं हैं। वहीं, दो बार विधायक रही मेजर कृष्णा मोहिनी का भी राजनितिक सफर थम चुका है। स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से वह राजनीति में सक्रिय नहीं है। मेजर मोहिनी सोलन से कांग्रेस की सशक्त नेता रही हैं। इसके अलावा विधानसभा चुनावों की दौड़ में सबसे आगे रहने वाले नेता इस बार टिकट न मिलने के बाद गायब हो गए हैं।  सोलन में भाजपा की टिकट के सबसे पहले दावेदार तरसेम भारती माने जा रहे थे। बीते एक वर्ष से वह सोलन निर्वाचन क्षेत्र में सक्रिय थे। शायद ही ऐसा कोई कार्यक्रम होगा,जिसमें वह बतौर मुख्यातिथि शिरकत नहीं करते होेंगे।  सोलन निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा ने डा. राजेश कश्यप को अपना उम्मीदवार चुना है। उम्मीदवार की घोषणा होने के बाद तरसेम भारती क्षेत्र में नजर नहीं आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि तरसेम भारती को भाजपा ने प्रदेश कार्यकारिणी सदस्या चुना है ।  टिकट की दौड़ में शामिल कुमारी शीला भी इन दिनों इतनी अधिक नजर नहीं आ रही हैं। हालांकि वह डा. राजेश कश्यप के साथ कुछ स्थानों पर प्रचार करने के लिए गई हैं, लेकिन यह आने वाला समय ही बताएगा कि कुमारी शीला के क्षेत्र में भाजपा को बढ़त मिल पाई है या नहीं। इसी प्रकार भाजपा में टिकट के दावेदार एचएन कश्यप भी इन दिनों गायब हैं। टिकट न मिलने की वजह से वह भी सोलन में प्रचार करने के मूड में नहीं है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों में भी जब एचएन कश्यप को भाजपा ने टिकट नहीं दी तो वह आजाद उम्मीदवार के तौर पर ही चुनावी मैदान में कूद गए थे।  बताया जा रहा है कि एचएन कश्यप की सेवाएं भी पार्टी प्रदेश के अन्य जिलों में ले रही है।