देवी-देवताओं की शरण में नेता

नामांकन का शुभ दिन चुनने के लिए दौड़, बीच में छुट्टियां और त्योहार के दो दिन

मंडी— चुनाव आयोग ने एक तो पहले ही चुनाव के लिए कम समय देकर नेताओं को समस्या में डाल दिया है, वहीं ठीक दिवाली से पहले चुनावों की घोषणा और इसी बीच नामांकन होने से अब नेता और मुश्किल में पड़ गए हैं। नामांकन के लिए दिन चुनना भी नेताओं के लिए मुश्किल भरा हो गया है। कम समय होने के कारण कोई भी रिस्क न लेने के लिए तैयार नेतागण अब नामांकन के लिए शुभ मुहुर्त चुनने में कोई कसर छोड़ने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि नामांकन का बिलकुल सही व सटीक मुहुर्त चुनने के लिए नेता देवी-देवताओं के पास पहुंच गए हैं। पंडितों के पास भी नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं की उपस्थिति बढ़ गई है। इस बार विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन करने की प्रकिया 16 अक्तूबर से शुरू होगी और 23 अक्तूबर को नामांकन का अंतिम दिन होगा। इसी बीच 19 अक्तूबर को दिवाली और 22 अक्तूबर को रविवार की छुट्टी भी पड़ रही है, जबकि दिवाली के अगले दिन विश्वकर्मा और उससे अगले दिन भैयादूज का भी त्योहार भी है। ऐसे में नामांकन को मिले आठ में से तो चार दिन पूरी तरह निकल रहे हैं। दिवाली के ठीक अगले दिन भी नामांकन करने का रिस्क लेने को नेता तैयार नहीं हैं। अब ज्यादातर नेता दिवाली से पहले नामांकन करने या फिर अंतिम दिनों में नामांकन करने की योजना बना रहे हैं। नामांकन के लिए कम समय होने के कारण ज्यादातर नेता बिना रैली जलूस के भी नामांकन करने की तैयारी में हैं, जबकि अभी तक ज्यादातर नेताओं द्वारा नामांकन का दिन ही तय नहीं हो सका है। यही वजह है कि ज्यादातर प्रत्याशियों ने देवी-देवताओं का सहारा नामांकन के लिए ले लिया है। पहले चुनाव लडे़ न लडे़ और हार होगी या जीत का फैसला भी ज्यादा प्रत्याशी देवी-देवताओं से पूछ कर ही चुनाव में उतरे हैं। यही वजह है कि अब नामांकन के लिए भी देवी-देवताओं का सहारा लिया जा रहा है। मंडी-कुल्लू के साथ ही कई अन्य जिलों में भी ऐसी मान्यता चली हुई है।