धान का दुश्मन बना काला दाग

By: Oct 16th, 2017 12:05 am

धर्मशाला – कांगड़ा घाटी में कल तक फलती-फूलती धान की फसल को काले धब्बों ने बदरंग कर दिया है। जिला के कई इलाकों से किसनों ने धान के सिल्ले खराब होने की शिकायत की है। ये काले दाग ऐसी धूल छोड़ रहे हैं,जो एलर्जी के मरीज किसानों को बीमार करने लगे हैं। ऐसे में सबसे बड़े जिला में हजारों किसानों के स्वास्थ्य की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। धर्मशाला, कांगड़़ा, ज्वालामुखी, शाहपुर, जवाली व बैजनाथ आदि इलाकों में इस बार धान की फसल ठीक-ठाक थी,लेकिन ऐन मौके पर सिल्ले को काले दाग ने घेर लिया है। कृषि विशेषज्ञ इसे फाल्स फट नामक रोग बता रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह रोग हाईब्रिड धान में होता है। खैर जो भी हो,धान थ्रेशिंग के सीजन में कई किसानों को सांस संबंधी शिकायत हो रही है। किसान शंभू  ने बताया कि कटाई के दौरान सिल्ले पर पड़े काले दाग से धूल उड़ रही है,जिससे सांस लेने में दिक्कत हो रही है। इसी तरह हरिया कहते हैं कि वह कटाई नहीं कर पा रहे,क्योंकि उन्हें एलर्जी है। किसानों का कहना है कि कृषि विभाग व सरकार को विशेष किट की व्यवस्था करनी चाहिए। किसान रमेश कहते हैं कि छह माह तक हाड़तोड़ मेहनत के बाद फसल को बटोरना कठिन हो रहा है,आखिर क्यों सरकारों को किसानों की दुर्दशा नजर नहीं आ रही। कृषि विभाग में वरिष्ठ विषय विशेषज्ञ रक्षपाल चौधरी कहते हैं कि समय रहते स्प्रे करने से इस रोग से धान को बचाया जा सकता है। अब फसल तैयार है,तो मास्क पहनकर कटाई ही इसका एकमात्र समाधान है। यह समस्या हाइब्रिड धान में कुछ सालों से आ रही है।

क्या कहते हैं डाक्टर

धर्मशाला से सटे झियोल गांव निवासी डाक्टर कुशल शर्मा ने कहा कि एलर्जी से पीडि़त किसानों के लिए यह धूल नुकसानदायक है। कटान के दौरान मास्क पहनने से इससे बचा जा सकता है। किसी को कटान के दौरान सांस में तकलीफ है,तो वह तुरंत डाक्टर से सलाह ले।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App