नहीं रहीं प्रसिद्ध शिक्षाविद अतिका बानो

By: Oct 6th, 2017 12:01 am

श्रीनगर — जम्मू-कश्मीर अदबी मरकज कामराज (एएमके) की उपाध्यक्ष और जानी-मानी शिक्षाविद अतिका बानो का उत्तर कश्मीर के सोपोर में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 76 वर्ष की थीं। बहनजी के नाम से प्रसिद्ध श्रीमती बानो शिक्षा विभाग में संयुक्त निदेशक के तौर पर सेवा देने के बाद पुस्तकालय और अनुसंधान निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं। भाषा-प्रेमी श्रीमती बानो ने सोपोर में अपनी तरह के पहले निजी संग्राहालय ‘मीराज महल’ की स्थापना की थी। उन्होंने शिक्षण संस्थानों की एक शृंखला भी शुरू की थी और महिला सशक्तिकरण में भी योगदान दिया था। वह उत्तर कश्मीर में महिलाओं के लिए गठित विशेष संगठन ‘मजलिस-उन-निसा’ की संस्थापक भी थीं। एएमके की उपाध्यक्ष के तौर पर श्रीमती बानो ने भाषा आंदोलन को सशक्त बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थीं। उन्होंने महिलाओं का नेतृत्व करते हुए इस संगठन में कई बदलाव किए, जिसके परिणामस्वरूप ये महिलाएं आंदोलन में बराबर की हिस्सेदार बनीं। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को सोपोर में किया गया। एएमके अध्यक्ष डा. शुजात बुखारी, उपाध्यक्ष फारूक रफीयाबादी, महासचिव मोहम्मद अमीन भट सहित कई गणमान्य लोगों ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है तथा उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। डा. बुखारी ने अपने शोक संदेश में कहा कि यह हम सभी के लिए एक बड़ा और असहनीय नुकसान है। वह हमारी प्रेरणा शक्ति थीं।


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