नौ को फिर कैबिनेट बैठक की तैयारी

चुनाव आचार संहिता न लगी तो कर्मचारियों के लिए हो सकती है बड़ी घोषणा

शिमला— वीरभद्र सरकार नौ अक्तूबर को फिर से मंत्रिमंडल की बैठक बुलाने की तैयारी में जुटी है। यदि विधानसभा चुनावों के लिए आचार संहिता लागू नहीं होती है, तभी मंत्रिमंडल की यह बैठक आयोजित की जाएगी। शुक्रवार को प्रस्तावित बैठक को लेकर अफसर एजेंडा तैयार करने के लिए जद्दोजहद में जुटे रहे। यदि कयासों के अनुरूप बैठक होती है तो सरकार अपनी इस अंतिम कैबिनेट बैठक में पौने तीन लाख कर्मचारियों के साथ-साथ महिलाओं को नए तोहफों से नवाज सकती है। हालांकि मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में विभिन्न वर्गों के लिए काफी बड़े ऐलान किए गए थे, मगर सरकार के करीबियों का कहना था कि अभी भी कुछ कमी रह गई है, जिसे अंतिम बैठक में पूरा किया जा सकता है। विधानसभा चुनाव पूर्व यह मौजूदा सरकार की अंतिम कैबिनेट बैठक होगी। प्रदेश के पौने तीन लाख कर्मचारी व पेंशनर उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन पर आधारित बड़े ऐलान किए जा सकते हैं। हालांकि मंत्रिमंडल के कई सहयोगी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 साल करने के पक्ष में नहीं है। खुद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी इसके पक्षधर नहीं रहे हैं, मगर सूत्रों का दावा है कि कर्मचारियों के एक बड़े वर्ग के दबाव के आगे इस बारे में चर्चा के बाद कुछ फैसला हो सकता है। यही नहीं, कर्मचारी अरसे से 4-9-14 का वित्तीय लाभ देने की मांग भी करते रहे हैं, मगर इस बारे में भी अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश के पौने तीन लाख कर्मचारियों के संदर्भ में कैबिनेट बड़े फैसले लेकर इस वर्ग को रिझा सकती है। दूसरा सबसे बड़ा निर्णय अस्पतालों में कुछ वर्गों के लिए मुफ्त में प्रयोगशाला टेस्ट सुविधा मुहैया करवाने का ऐलान भी किया जा सकता है। शिक्षा विभाग में फिर से कुछ वर्गों के लिए बड़े ऐलान हो सकते हैं। इसी महकमें में 25 हजार से भी ज्यादा गैर शिक्षकों के पद खाली हैं। कृषि, बागबानी और पर्यटन के साथ ऊर्जा पर आधारित कई फैसले सरकार ले सकती है। कुछ बड़े ऊर्जा प्रोजेक्टों को लेकर भी निर्णय लिया जा सकता है।

अंतिम मीटिंग पर टिकी मुलाजिमों की नजर

कर्मचारी वर्ग ने मंत्रिमंडल की बैठक पर जो नजरें लगा रखी थी, उन पर सरकार के ही आला अधिकारी पलीता लगाने में जुटे रहे। करोड़ों के कर्ज बोझ व अन्य देनदारियों का हवाला देकर ये सौगातें रुकी रहीं। अब अंतिम बैठक में सरकार क्या फैसले लेगी, कर्मचारियों की फिर से नजरें टिकी हैं।