पाक सरकार-सेना में रार

By: Oct 6th, 2017 12:06 am

संसद सहित कई अहम स्थानों की सुरक्षा से बिना कोई कारण बताए हटे पाक रेंजर्स

NEWSइस्लामाबाद— पाकिस्तान के गृह मंत्री और उनके अधीन आने वाली पैरामिलिट्री की एक प्रमुख यूनिट के बीच विवाद से एक बार फिर सरकार और सेना के बीच तनाव के अटकलों को बल मिला है। यह विवाद ऐसे वक्त में सामने आया है, जब परमाणु शक्ति संपन्न पाकिस्तान में सियासी उठापटक का माहौल है और इसके अलावा अमरीका दक्षिण एशिया के लिए अपनी नई रणनीति में पाकिस्तान की भी भूमिका चाहता है। गृह मंत्री आशन इकबाल गुरुवार को तब हैरान रह गए, जब संसद को सुरक्षा मुहैया कराने वाली रेंजर्स की एक प्रमुख यूनिट ने बिना कोई कारण बताए अपने सुरक्षाकर्मियों को उनकी तैनाती की जगह से वापस बुला लिया। इकबाल ने बताया कि मुझे बताया गया कि रेंजर्स एकतरफा फैसला लेते हुए उन सभी अहम जगहों से हट गए हैं, जहां वे सुरक्षा के लिए तैनात थे। यह हमारे लिए हैरान करने वाला और धक्का पहुंचाने वाला था। यह नियमों का खुला उल्लंघन है। इकबाल ने आगे कहा कि रेंजर्स के हटने की जांच पूरी करने होने के बाद सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि रेंजर्स गृह मंत्रालय के अधीन आते हैं और जब वे तैनात होते हैं तो यह माना जाता है कि वे सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के तहत काम करेंगे। पाकिस्तान की संसद के बाहर गुरुवार को रेंजर्स के बजाय देश की फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के जवान तैनात थे। ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस अफसर ने पुष्टि की कि रेंजर्स अब यहां तैनात नहीं होंगे। अधिकारी ने मामले की संवेदनशीलता के मद्देनजर पहचान उजागर न किए जाने की शर्त पर बताया कि रेंजर्स को हटाने का आदेश गृह मंत्रालय की तरफ से नहीं आया था, यह कहीं और से आया है। पूरे मामले पर रेंजर्स अधिकारियों का तुरंत पक्ष नहीं मिल पाया। जब इकबाल की प्रतिक्रिया जानने के लिए उन्हें फोन किया तो कोई जवाब नहीं मिला। गौर करने वाली बात यह है कि इसी हफ्ते रेंजर्स ने इकबाल को एक कोर्ट परिसर में जाने से रोक दिया था। कोर्ट में नवाज शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले की सुनवाई चल रही थी। तब इकबाल ने यह कहते हुए इस्तीफे की धमकी दी थी कि वह एक कठपुतली गृह मंत्री नहीं बन सकते। यह सब कुछ ऐसे वक्त में हो रहा है, जब कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहरा दिया था। शरीफ ने इसे अपने खिलाफ साजिश करार दिया था जिसके बाद सरकार और सेना के बीच सबकुछ ठीक न होने की अटकलों को बल मिला। नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराए जाने के बाद उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के वरिष्ठ नेताओं ने इसके पीछे सेना की साजिश की ओर इशारा किया था। हालांकि सेना ने इसमें किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया है। एक विश्लेषक ने बताया कि संसद के आस-पास के इलाकों से रेंजर्स का हटना सेना और सिविलियन लीडर्स के बीच लगातार असहमतियों की तरफ इशारा करता है। इस्लामाबाद स्थित सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज के संचार एवं रणनीति निदेशक जीशान सलाहुद्दीन कहते हैं कि वे इस तरह अपने पोस्ट से नहीं हट सकते हैं। अगर उन्होंने बिना आदेश के ऐसे किया है तो यह स्पष्ट तौर पर दिखाता है कि सेना और सरकार के बीच विवाद है। यह सेना की नाखुशी को जाहिर करता है।

पाक में सेना का ही दबदबा

1947 में पाकिस्तान के वजूद में आने के बाद से इन 70 सालों में 33 सालों तक यहां सैन्य शासन रहा है। 2008 के बाद से यहां लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार सत्ता में है, लेकिन सेना का दबदबा अब भी बरकरार है। सेना और सरकार में विवाद के किसी भी संकेत से मजबूत लोकतांत्रिक सरकारों के समर्थकों की चिंता बढ़ जाती है।


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