बिगड़ी कानून व्यवस्था से कैसे पार पाएगी सरकार

By: Oct 30th, 2017 12:25 am

बिटिया…होशियार सिंह…धु्रव…युग केस अनसुलझे

शिमला  – विधानसभा चुनावों में अबकी बार राज्य में कानून व्यवस्था का मुद्दा हावी है। विपक्ष इस मसले पर अक्रामक रुख अपनाए हुए है, तो सत्ता पक्ष को रक्षात्मक होना पड़ रहा है। राज्य में रेप, मर्डर जैसे गंभीर अपराधों के अलावा वन माफिया की सक्रियता को भी इन चुनावों में खूब उछाला जा रहा है। विधानसभा चुनावों में कोटखाई में दसवीं की छात्रा का गैंगरेप-मर्डर मामला खूब उठाया जा रहा है। विपक्ष इस मामले को लेकर कांग्रेस की सरकार पर हमला बोल रहा है। राज्य की पुलिस की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। मामला सीबीआई को सौंपने के बाद भी सुलझाया नहीं जा सका है। ऐसे में विपक्ष यह मसला चुनावों में खूब भुना रहा है। खासकर ठियोग, कोटखाई और चौपाल में यह मुद्दा जोरों-शोरों से उठाया जा रहा है। करसोग में वनरक्षक होशियार सिंह की संदिग्ध मौत का मामला भी इन चुनावों में उठाया जा रहा है। होशियार सिंह की मौत को लेकर जो जनाक्रोश सड़कों पर दिखा, उसको भी इन चुनावों में ताजा किया जा रहा है। होशियार सिंह की मौत वन माफिया की वजह से हुई है यह बात सर्वविदित है। ऐसे में विपक्ष भी सत्ता पक्ष को इस मामले में घेर रहा है। शिमला में मासूम युग की हत्या, लोअर बाजार से लापता ध्रुव का मामला हो या मशोबरा के मेदराम की संदिग्ध मौत, विपक्ष इसको लेकर कांग्रेस सरकार को खूब घेर रहा है। पक्काभरोह से पांच साल के बच्चे की गुमशुदगी के मामले को भी इन चुनावों में कानून व्यवस्था से जोड़कर देखा जा रहा है।

मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म

प्रदेश में दुष्कर्म के मामलों को लेकर भी विपक्ष खूब हमलावर है। चंबा में एक अनाथ आश्रम में बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं। कुल्लू में एक मासूम को दरिंदे ने मौत के घाट उतार दिया। विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान राज्य में कानून व्यवस्था पटरी से उतरी है, जिससे महिलाएं और यहां तक बच्चियां भी सुरक्षित नहीं रह गई हैं।

वन कटान पर खूब हुई बहस

राज्य में वन कटान को लेकर भी विपक्ष ने सरकार के खिलाफ इन दिनों प्रचार चला रखा है। शिमला के तारादेवी में कई पेड़ काटे गए, तो वहीं वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी के गृह जिला चंबा में भी पेड़ कटान के कई मामले सामने आए हैं। चंबा के एलमी में पेड़ों का भारी अवैध कटान हुआ और इसकी गाज वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी गिरी। वन मंत्री के गृह जिला में वन कटान के कई और मामले भी सामने आए। ऐसे में अब चुनावों में इनको मुद्दे बनाकर सरकार के खिलाफ विपक्ष ने व्यापक प्रचार शुरू किया  गया है। सिरमौर के पांवटा में भी वन माफिया द्वारा पेड़ कटान के मामले सामने आए हैं। इसे भी चुनावी मुद्दा बनाया गया है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि राज्य में वन और खनन माफिया सक्रिय है।  वहीं कन्या भ्रूण हत्या के मामले भी चुनावी मुद्दा हैं। पंजाब और हरियाणा के साथ लगते राज्य के क्षेत्रों में भ्रूण हत्या की आशंका व्यक्त की जा रही है, क्योंकि इन इलाकों में लिंग अनुपात चिंताजनक स्थिति में है।

 


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