भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेललाइन की उम्मीदें जवां

बीस साल से लटका है मामला; सर्वे से बाहर नहीं निकल पा रहा प्रोजेक्ट, पीएम मोदी के दौरे से फिर बंधी आस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान हिमाचल को खास तोहफे का इंतजार है। वहीं, बरसों से लटकी रेललाइन को संजीवनी की आस है तो विस्थापितों में भी पुनर्वास को लेकर उम्मीद बंधी है कि पीएम मोदी उनकी समस्या को जरूर हल कर देंगे…

शिमला— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिलासपुर दौरे से पिछले 20 वर्षों से लटके भानुपल्ली-बिलासपुर-लेह रेललाइन को लेकर बड़े ऐलान की भी उम्मीदें बंधी हैं। ये प्रोजेक्ट हर रेल बजट में दबाव पड़ने पर सर्वे में डाल दिया जाता है। पूरे प्रदेश ही नहीं, सामरिक दृष्टि से यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय नजरिए से भी महत्त्वपूर्ण है। इसके बनने से चीन से मिलने वाली चुनौती काफी कम होगी। मगर यह प्रोजेक्ट यूपीए व एनडीए सरकारों के दौरान सर्वे की हदों से बाहर नहीं निकल पाया है। अब प्रधानमंत्री कोई बड़ा ऐलान कर जाएंगे, ऐसी भी उम्मीदें हैं।   2016-17 के रेल बजट में केंद्र सरकार ने   बिलासपुर-मंडी-मनाली-लेह प्रस्तावित रेल मार्ग को न केवल फाइनल लोकेशन सर्वेक्षण के लिए मंजूरी दी थी,बल्कि दावा यह भी था कि इसके निर्माण को भी अनुमोदित कर दिया गया है। मगर यथार्थ में ऐसा हुआ नहीं क्योंकि इससे पहले भी यूपीए के दौरान आईसीसी होल्डिंग कंपनी द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह द्वारा इसके सर्वेक्षण करवाने का ऐलान किया गया था। बताया जाता है कि इसकी रिपोर्ट भी पेश हुई थी मगर यह सिरे नहीं चढ़ी। अब प्रदेश के लोग प्रधानमंत्री के इस महत्तवपूर्ण दौरे के दौरान राष्ट्रीय हित के इस प्रोजेक्ट के संदर्भ में भी बड़े ऐलान या फिर आश्वासन की उम्मीदें बांधे बैठे हैं। मोदी सरकार चीन सीमा के साथ सटे इलाकों को अब विशेष महत्त्व दे रही है। पहले इस लाइन को लेकर यही असमंजस कायम था कि पठानकोट-जोगिंद्रनगर से यह लाइन लेह तक जाएगी या फिर भानुपल्ली-बिलासपुर लाइन को ही आगे किया जाएगा। मगर वर्ष 2016-17 के रेल बजट में स्पष्ट कर दिया गया कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी-बरमाणा से यह लाइन मंडी के लिए जाएगी। मोदी सरकार ने तीन अन्य रेललाइनों के साथ हिमाचल की इस रेललाइन को विशेष सूची में रखने का ऐलान किया था, उससे सेना को आपातकालीन स्थिति में चीन बार्डर तक रसद व अन्य साजो सामान पहुंचाने में काफी मदद मिल सकती है।  इस योजना पर अनुमानित 23 हजार करोड़ का खर्च होगा।  अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में ऐलान करेंगे, ऐसी उम्मीदे हैं।