मजदूरों ने मनाई काली दिवाली

बरोटीवाला— औद्योगिक कस्बे बरोटीवाला की एक फार्मासिटीकल कंपनी के मजदूरों की इस बार की दिवाली काली दिवाली के रूप में मनाई। बोनस व वेतन न मिलने से गुस्साए मजदूरों ने बरोटीवाला के टिपरा गांव से श्रम विभाग तक पांच किलोमीटर पैदल रोष रैली निकाली। सीटू के वरिष्ठ नेता एनडी रनोट ने मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि इस कंपनी में 250 कामगार कार्य करते हैं। प्रबंधकों द्वारा अधिकतर कामगारों को श्रम कानूनों के तहत न्यूनतम, वार्षिक बोनस, छुट्टियां, पे-स्लिप, लीव कार्ड व पहचान पत्र तक नहीं दिए गए।  उन्होने कहा कि मजदूर लंबे समय से इन श्रम कानूनों को लागू करने की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं परंतु श्रम विभाग व उद्योग इसकी ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। मजदूरों ने सीटू के नेतृत्व में अपना संगठन बनाकर 16 तारीक से हड़ताल शुरू कर दी है जो कि बुधवार तक जारी रही। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं की जाती तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी। इसी से दुखी होकर बुधवार को कंपनी के मजदूरों ने श्रम कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया और नारेबाजी से परिसर गूंजा दिया। मजदूरों ने कहा कि इतिहास में पहली बार उन्होंने काली दीवाली मनाई है और आज अपने घर वेतन-बोनस तो क्या मिठाई का डिब्बा भी नहीं ले पाएंगे। इसकी शिकायत श्रम विभाग को कई बार की गई लेकिन वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। एनडी रनोट ने कहा क श्रम विभाग के अधिकारी सारा दिन दिवाली के गिफ्ट उद्योगपतियों से लेते रहे और उनको दो घंटे बाद वार्ता के लिए अंदर बुलाया गया।  उन्होंने कहा कि श्रम विभाग जब कोई कार्रवाई ही नहीं करता तो उद्योगपतियों का शोषण ऐसे ही बदस्तूर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह आंदोलन तेज करने पर मजबूर हो जाएंगे। इस विषय में श्रम अधिकारी बद्दी मनीष करोल ने बताया कि हमने संबधित उद्योगपति को मजदूरों के वेतन व बोनस के भुगतान के आदेश दे दिए हैं और अगर वह नहीं मानता तो हम मामले को कोर्ट में भेज देंगे।