मर्डर नहीं, गिरने से हुई मौत

सरकाघाट  —  बीते 27 सितंबर की रात को मसेरन पंचायत के दरकालग गांव में हुए कथित मर्डर केस को लेकर ग्राम पंचायत प्रधान, महिला मंडल, युवक मंडल सहित दर्जनों गांववासियों ने सरकाघाट के एसडीएम के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में कहा कि दरकालग गांव में वास्तव में मृतक बलवीर सिंह अपने ही परिवार सदस्यों मुख्यता अपनी पत्नी संग बूढ़ी मां के साथ लड़ाई झगड़ा और मारपीट कर रहा था।  इस दौरान मृतक की मां जोर-जोर से चिल्लाने लगी कि हमें बचाओ, यह हमें मार देगा। उसकी आवाज सुनकर आस-पड़ोस के लोग इकट्ठा हो गए और मृतक बलवीर जो पहले से ही नशे में धुत्त था, बचाव करने आ रहे लोगों से गाली गलौज व पत्थर मारने लगा, उसी समय वह नीचे करीब 20 फुट आंगन में गिर गया और घायल हो गया। इसके बाद बलवीर को सरकाघाट अस्पताल ले जाया गया, उसके साथ कोई भी पारिवारिक सदस्य नहीं जा रहा था, इसी दौरान उसे मंडी रैफर कर दिया गया व रास्ते में उसकी मौत हो गई। लोगों ने मांग की है कि इस केस की जांच दोबारा पूर्णतया निष्पक्ष तरीके से की जाए और मौके पर मौजूद गवाहों के बयान के हिसाब से केस दर्ज किया जाए। क्योंकि गिरफ्तार किए गए तीन लोगों ने न तो मृतक बलवीर के साथ मारपीट की है और न ही जान बूझकर उसे मारा है। वास्तव में गिरफ्तार लोगों ने मौके पर मौजूद लोगों संग केवल बलवीर को समझाने,  उसकी बूढ़ी मां और पत्नी को छुड़ाने आए थे।

धारा 302 हटाने की मांग

इस केस को केवल बलवीर के नाबालिग बेटे की शिकायत पर ही बना दिया गया हैं। यहां तक कि मृतक बलवीर की मां का भी मेडिकल किया जाए, क्योंकि मृतक बलवीर ने अपने परिवार संग झगड़ा मारपीट की थी। समस्त गांव वासियों ने इस केस की नए सिरे से जांच करवाने की मांग की है और आरोपियों से धारा 302 हटाने की भी मांग की है।

गुहार लगाने ये पहुंचे सरकाघाट 

ज्ञापन देने वालों में मसेरन ग्राम पंचायत प्रधान किरण बाला, महिला मंडल प्रधान वीना देवी, वार्ड मेंबर शीला देवी, उपप्रधान रेखा देवी, रजनी देवी, शशि लता, प्रेमी, धीमी देवी, विमला देवी, वार्ड सदस्य प्रकाश चंद, प्रीतम सिंह, सन्नी कुमार, अतुल कुमार, सुरेंद्र कुमार, सुनील कुमार सहित करीब चार दर्जन महिलाएं भी शामिल थीं।