मिट्टी के बरतनों में दिवाली की खुशबू

पंचरुखी – दिवाली पर्व को लेकर बाजारों में दुकानें दुल्हन की तरह सज गई हैं। खरीददारी के लिए लोगों की काफी संख्या में भीड़ उमड़ रही है। आधुनिक चकाचौंध में जहां इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की भरमार हो गई है, लेकिन बावजूद इसके लोगों में मिट्टी के दीयों की परंपरा आज भी बरकरार है। लोग मिट्टी के बरतनों का आज भी घरों में इस्तेमाल करते हैं । दीपावली पर्व पर मिट्टी के बने दीये ही जलाते हैं। दीपावली पर इलेक्ट्रॉनिक्स लाइट्स, इलेक्ट्रिकल दीये व मोमबत्तियां बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन बावजूद इसके लोग दीपावली पर्व को साकार बनाने के लिए मिट्टी के दीये जलाना ही उचित समझते हैं। यही कारण है कि आज भी मिट्टी के बरतनों व दीयों का खासा क्रेज लोगों में बना हुआ है, क्योंकि यह प्राचीन परंपरा में भी शुमार है। पंचरुखी बाजार में मिट्टी के बरतनों व दीयों को बेचने के लिए खूब स्टाल लगे हैं, जहां लोग जमकर खरीददारी कर रहे हैं। बताया जाता है कि मिट्टी के बरतन में बना हुआ खाना ज्यादा पौष्टिक होता है। दीपावली पर्व पर ही नहीं, इससे पूर्व लोगों ने करवा चौथ व अहोई अष्टमी (झकरे) में भी मिट्टी के बरतनों की खूब खरीददारी की है।