रूसा को खत्म करेगी भाजपा

By: Oct 30th, 2017 12:25 am

शिमला  – हिमाचल विधानसभा चुनावों में इस बार प्रदेश में लागू राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा प्रणाली रूसा को लेकर भी राजनीति गरमाई है। छात्र संगठन रूसा की वजह से चार वर्षों से छात्रों के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ को अपने युवा मतदाता जागरूकता अभियान का मुद्दा बना कर युवाओं और प्रदेश की जनता के बीच जा रहे हैं, वहीं राजनीतिक दल भी इसे चुनावी मुद्दा बना कर अपने चुनावी पत्र में इसे स्थान दे रहे हैं। विपक्ष पहले ही रूसा को सत्ता में आने पर हटाने की घोषणा कर चुका है और अब भाजपा ने रविवार को विधानसभा चुनावों के लिए जारी किए गए अपने दृष्टि पत्र में रूसा के मुद्दे को शामिल किया है। भाजपा ने प्रदेश में सत्ता में आने पर रूसा च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम और सेमेस्टर परीक्षा प्रणाली को समाप्त कर पुनः वार्षिक प्रणाली ही कालेजों में लागू करने का वादा किया है। गौर हो कि प्रदेश में वर्ष 2013 में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा प्रणाली सीबीसीएस को यूजी स्तर पर लागू किया गया। इस प्रणाली के तहत सेमेस्टर परीक्षाएं और ग्रेडिंग सिस्टम कालेजों में यूजी डिग्री के लिए लागू हुआ। रूसा लागू होने से अब तक सत्र 2017-18 पांचवें बैच तक प्रदेश में छात्र संगठन इसका विरोध जताते आए हैं। एबीवीपी, एसएफआई सहित एनएसयूआई ने भी इस प्रणाली के तहत छात्रों के परीक्षा परिणाम समय पर घोषित न होने, विषयों के चयन में समस्या, छात्रों के फेल होने, बाहरी विश्वविद्यालयों में रूसा की डिग्री मान्य न होने, सेमेस्टर परीक्षाओं में आ रही बाधाओं, पेंडिंग परीक्षा परिणाम जैसी समस्याओं पर इस प्रणाली का लगातार विरोध जताया है।  अब विधानसभा चुनावों के समय भी युवा वर्ग और छात्र हित के मुद्दों में इस प्रणाली के तहत छात्रों के भविष्य के साथ हुए खिलवाड़ और प्रभावों को लेकर एबीवीपी और एसएफआई लोगों के बीच जा रही है। ऐसे में प्रदेश के युवाओं को रिझाने के लिए इन चुनावी में राजनीतिक दलों का रूसा को चुनावी मुद्दा बनाना लाजिमी है। प्रदेश में लाखों युवा मतदाता ऐसे हैं, जो कालेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन युवाओं का समर्थन प्रदेश में सत्ता बनाने में राजनीतिक दलों के लिए अहमियत रखता है। ऐसे में सभी पार्टियों का ध्यान इसी तरफ है कि युवाओं के हित से जुड़े मुद्दों को चुनावी एजेंडे में शामिल कर इनका समर्थन हासिल किया जाए। भाजपा और माकपा दोनों ही राजनीतिक संगठन इस प्रणाली का शुरू से ही विरोध जताते आए हैं और अब विधानसभरा चुनावों में भी इस मुद्दे को उठा रहे हैं।

चार साल बाद भी नहीं आया ऑर्डिनेंस

रूसा को हिमाचल प्रदेश में लागू हुए पांच वर्ष हो गए हैं। चार बैच में इस प्रणाली के तहत लाखों छात्र पासआउट होकर निकल गए हैं, लेकिन अभी तक इस प्रणाली को ऑर्डिंनेंस के तहत नहीं लाया गया है। वर्ष 2016 में रूसा मेें बदलाव कर इसे यूजीसी के नियमों पर लागू किया गया है। अब विश्वविद्यालय इसका ऑर्डिंनेंस तैयार कर रही है। लाखों छात्र हर वर्ष इस प्रणाली के तहत शिक्षा किन नियमों के तहत ग्रहण कर रहे हैं, यही तय नहीं है।

बुजुर्गों को मुफ्त में चार धाम यात्रा

शिमला— भाजपा ने प्रदेश के बुजुर्गों के सम्मान को भी अपने दृष्टि पत्र में शामिल किया है। बुजुर्गों के लिए खास तौर पर मुफ्त में चार धाम की यात्रा करवाने का वादा भाजपा ने किया है। इसका पूरा खर्च पार्टी अपनी सरकार बनने पर उठाएगी। इसके साथ हिमाचल के मंदिरों में दर्शन के लिए देवभूमि दर्शन योजना का शुभारंभ करेगी। प्रदेश के विभिन्न मंदिरों की यात्रा हेतु वरिष्ठ नागरिकों के लिए निःशुल्क बस सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी। 60 साल से ऊपर की आयु के लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत लाभार्थी बनाया जाएगा। धर्मशाला, शिमला, मंडी और हमीरपुर में वरिष्ठ नागरिकों के लिए अत्याधुनिक वरिष्ठ नागरिक सुरक्षा केंद्र की स्थापना करने का वादा किया गया है। मंदिरों में होने वाली आरती पर एक विशेष कार्यक्रम डीडी हिमाचल चैनल पर हर सुबह प्रसारित किया जाएगा।


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