लो अम्मा जी! आ गई पेंशन

करसोग —  बुढ़ापा पेंशन के लिए लंबे अरसे से तरस रही अस्सी साल की बुजुर्ग महिला के लिए ‘दिव्य हिमाचल’ ने मरहम का काम किया है। प्रदेश के अग्रणी मीडिया ग्रुप में समाचार छपने के बाद हरकत में आते हुए प्रशासन ने बुजुर्ग को पेंशन की सौगात दी है। जीवन के अंतिम पड़ाव में घेम्बो देवी को आखिरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन पहुंचना शुरू हो ही गई है। उल्लेखनीय है कि उपमंडल करसोग के साथ लगती ग्राम पंचायत मतेहल के मरांडी गांव स्थित अस्सी वर्षीय वृद्ध महिला घेंबो देवी को वर्षों से सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए कागजी औपचारिकता में उलझाए जाने का मामला ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा गत 25 अप्रैल को प्रमुखता से उठाया गया था। समाचार छपने के बाद जिला न्यायालय ने कड़ा संज्ञान लेकर संबंधित विभाग से तुरंत जवाब मांगा और अब करीब दो महीने से मराण्डी गांव की घेंबो देवी को सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन देना शुरू कर दी गई है। विदित रहे कि मरांडी गांव की बजुर्ग महिला घेंबो देवी को पेंशन के लिए कागजी औपचारिकता के फेर में ही उलझाया जाने का मामला संबंधित ग्राम पंचायत मतेहल के उपप्रधान दीवान चंद शर्मा ने ही उजागर किया। उपप्रधान दीवान चंद शर्मा ने एक समारोह के दौरान बाकायदा सरकार तथा विशेषतौर पर ‘दिव्य हिमाचल’ का भी खुले शब्दों में आभार प्रकट किया। पंचायत मतेहल के उपप्रधान दीवान चन्द शर्मा ने बताया कि मरांडी गांव की जरूरतमंद बुजुर्ग घेंबो देवी को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दिए जाने की कागजी औपचारिकता लगभग बीस वर्षों के दौरान आठ दफा पूरी की गई परन्तु सरकारी पैसे की राह ताकत-ताकते घेंबो देवी को अब शायद कोई उम्मीद ही नहीं बची थी कि उसे पेंशन मिल सकती है। हर बार तहसील कल्याण कार्यालय करसोग से यही जवाब मिलता था कि कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। घेंबो देवी के कान इस बात को सुनने के लिए तरस गए थे कि डाकिया आता और बोलता लो अम्मा जी ! पेंशन आ गई है।