सरसा में घुला जहर हजारों मछलियां मरीं

बीबीएन— बद्दी के तहत सरसा नदी में उद्योगों द्वारा छोड़े गए प्रदूषित पानी ने हजारों की तादाद में मछलियों को मौत की नींद सुला दिया। शनिवार बाद दोपहर अचानक मछलियोंं के मरने का सिलसिला शुरू हुआ, कुछ ही देर में दूर-दूर तक मृत मछलियां पानी के ऊपर दिखाई देने लगीं। प्रवासी कामगारों को जब इसकी भनक लगी तो वे नदी किनारे पहुंचे और  मछलियों को बोरियों में भर कर ले गए। बताया जा रहा है कि किसी बेलगाम उद्योग द्वारा अचानक प्रदूषित जहरीला पानी नदी में बहाने से निरीह जलजीवों की मौत हुई है। उद्योगों के प्रदूषित पानी से नदी का पानी जहां काला हो चुका था, वहीं इस पर झाग भी बना हुआ था।  पर्यावरण प्रेमियों ने इस मामले को लेकर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सूचना देने की कोशिश की, लेकिन शनिवार को छुट्टी होने की वजह से संपर्क नहीं हो पाया। जानकारी के मुताबिक बद्दी की सरसा नदी में हजारों मछलियां मृत पाई गई है, बताया जा रहा है कि किसी उद्योग द्वारा प्रदूषित रासायनिक पानी नदी में बहाने से मछलियों व अन्य जलजीवों की मौत हुई है। जैसे ही प्रवासी लोगों को सरसा नदी में मछलियों के मरने की खबर मिली प्रवासी सरसा पर टूट पड़े। प्रवासियों ने नदी से सैकड़ों टन मछलियां बोरियों में भरकर घर पहुंचा दीं। वहीं जहरीले पानी से मरी मछलियों को खाने के लिए ले गए प्रवासियों में भी बीमारी की आशंका का खतरा बना हुआ है, लेकिन प्रशासन व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से कोई एहतियातन कदम नहीं उठाया गया है।  हालांकि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कई बार उद्योगों पर बिजली काट कर कड़ी कार्रवाई भी कर चुका है,लेकिन इसके बाद भी उद्योगपति बोर्ड की हिदायतों को ठेंगा दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं। उधर, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड बद्दी के अधिकारियों के फोन स्विच ऑफ पाए गए, जबकि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन कुलदीप पठानिया का कहना है कि उन्हें इस बाबत मीडिया के माध्यम से ही जानकारी मिली है। मामला संवेदनशील है इसकी तुरंत जांच के आदेश जारी किए जाएंगे।