सियासी उड़ानों के बोझ तले ही दब गया रैहन स्टेडियम

By: Oct 6th, 2017 12:15 am

newsरैहन (नूरपुर) – युवाओं को बेहतर खेल सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से वर्षों से बन रहा रैहन स्टेडियम सियासी उड़ानों के बोझ तले दब गया है। जिस खेल उद्देश्य के लिए यह स्टेडियम बनना था, वह आज तक पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाया है, जिस कारण क्षेत्र के युवाओं व लोगों में समय-समय पर रही सरकारों व नेताओं के प्रति गहरा रोष है। सियासी उड़ानों  का गवाह बना यह स्टेडियम अब सियासी अनदेखी के दंश का शिकार हो गया है, जिससे इस क्षेत्र के युवाओं के खेल प्रतिस्पर्धाओं में आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल पाया है। हालांकि इसके बाद बने स्टेडियमों को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है, परंतु उपमंडल नूरपुर, इंदौरा, फतेहपुर व जवाली में सबसे बड़े व पुराने रैहन स्टेडियम को राजनेता खेल स्टेडियम बनाने की बजाय हेलिपैड के तौर पर प्रयोग में ला रहे हैं और युवाओं के खेल सपनों को सियासी उड़ानों की धूल से उड़ा रहे हैं। लोगों का मानना है कि अगर दृढ़ राजनीतिक इच्छा होती, तो यह कब का पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गया होता और इलाके की बेहतर खेल प्रतिभाओं को ऊंचे मुकाम तक पहुंचने में अपनी भूमिका अदा कर रहा होता, मगर समय-समय पर सत्ता में रहे नेताओं ने इस स्टेडियम को विकसित करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। गत करीब 30 वर्षों से बन रहा यह स्टेडियम आज तक पूरा नहीं बन पाया है, जिससे युवाओं व खेल प्रेमियों में रोष है। वहीं रैहन स्टेडियम में प्रदेश व देश के कई नेता आ चुके हैं व कई तो यहां रैलियां कर चुके हैं। इस स्टेडियम में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी बतौर प्रधानमंत्री यहां आ चुके हैं और यहां एक रैली को भी संबोधित कर चुके हैं। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस स्टेडियम में हेलिकाप्टर द्वारा आकर एक रैली को संबोधित कर चुके हैं। देश के तत्कालीन उपप्रधानमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी भी इस स्टेडियम में हेलिकाप्टर द्वारा आ चुके हैं।  यहां  मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी अनेकों बार हेलिकाप्टर द्वारा आ चुके हैं। इसके अलावा बसपा सुप्रीमों मायावती, कैप्टन अमरेंदर सिंह, बेअंत सिंह, नवजोत सिंह सिद्दू सहित कई नेता व वीवीआईपी भी आ चुके हैं। क्षेत्र के युवा व लोग चाहते हैं कि रैहन स्टेडियम को खेलों के लिए पूरी तरह विकसित किया जाए, ताकि क्षेत्र के युवक यहां अपनी खेल प्रतिभा को निखार कर खेल क्षेत्र में अपना नाम चमका सकें और खेलों के माध्यम से अपना करियर बना सकें।

60 कनाल जमीन, 1987-88 में शुरू हुआ था काम

यह स्टेडियम उपमंडल फतेहपुर, जवाली, इंदौरा व नूरपुर में सबसे बड़ा है, जिसका क्षेत्रफल करीब 60 कनाल है। लगभग 1987-88 में खेल प्रतिस्पर्धाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनना शुरू हुआ था। शुरू में इस स्टेडियम में खिलाडि़यों के बैठने के लिए मंच, ड्रेसिंग रूम तथा दर्शकों के बैठने के लिए एक ओर सीढि़यां आदि बना दी गईं, लेकिन आगे कुछ नहीं हुआ। स्टेडियम के मंच के दोनों ओर रोशनी के लिए दो बड़ी फ्लड लाइट्स लगाई थीं और इस मैदान के चारों ओर कांटेदार तार लगाकर बाड़बंदी की गई थी, उसके बाद इतने वर्ष गुजर जाने के बाद भी यह स्टेडियम आज तक नहीं बन पाया। रैहन स्टेडियम भले ही खेल गतिविधियों का केंद्र न बन सका हो, परंतु यह मैदान वीवीआईपी उड़ानों का केंद्र बना है।

 


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