सिर्फ आश्वासनों से संतुष्ट नहीं होने वाला मतदाता

By: Oct 3rd, 2017 12:54 am

सीपीएस मनसा राम के बोल, बदली परिस्थितियां

newsकरसोग— पांच दशक पहले सियासत के मायने कुछ ओर थे, अब तो परिस्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं। आज का मतदाता आश्वासनों से संतुष्ट होने वाला नहीं है, वह विकास भी चाहता है और काम का सबूत भी मांगता है। यह कहना है करसोग के विधायक व सीपीएस मनसा राम का। वह कहते हैं कि 1967 में जब पहली दफा चुनाव लड़ा तो सुविधाएं नहीं होने पर पूरा क्षेत्र घुमना तो दूर की बात, कई जगह तो संदेश ही पहुंचा, तो मतदाता ने नाम सुन कर अपना समर्थन दिया, पर आज का मतदाता जागरूक हो चुका है, निजी संपर्क व बातचीत के आधार पर अपना समर्थन देने को तैयार होता है। सियासत में बहुत बदलाव है, जो जरूरी भी है। विधायक व वर्तमान सरकार में सीपीएस मनसा राम मानते हैं कि अब वर्तमान के दौर में जनता के साथ नेताओं को वही वादे करने होंगे, जो पूरे हो सकने वाले हों। जनता जागरूक है, युवा प्रबुद्ध मतदाता हैं व देश का भविष्य हैं, जिनकी भावनाओं के आधार पर साथ चलाते हुए ही समग्र विकास हो सकता है। आज तथ्य गवाह है कि करसोग के विधायक मनसा राम से वरिष्ठ कोई भी विधायक हिमाचल की विधानसभा में नहीं है व उसी उपलब्धि के चलते गत विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बहुमत मिलने पर इन्हें प्री-टाइम स्पीकर के पद से नवाजा गया व विधायक तथा सीपीएस मनसा राम ने सबसे वरिष्ठ विधायक होने के नाते सभी विधायकों को गोपनीयता शपथ दिलवाई। वहीं हर बात को स्पष्ट बोलने वाले मनसा राम अपने कार्यकर्ता की पीठ कहीं भी लगने नहीं देते व उसी कारण इनके समर्थक व कार्यकर्ता इनको समर्पित रहते आए हैं। हिमाचल की राजनीति में लाने वाले मंडी व प्रदेश में जाने-माने नेता रहे कर्म सिंह ठाकुर को मनसा राम अपना गुरु मानते हैं। वर्तमान के दौर में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को ही अपना राजनीति गुरु मानने में स्पष्ट कहते हैं कि करसोग का विकास करने में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का अस्मरणीय सहयोग रहा है।

पारदर्शिता-नम्रता पर ही आशीर्वाद

मनसा राम ने कहा कि जनता को बेवकूफ बनाना नामुकिन है। आरटीआई का जमाना है, पारदर्शिता व नम्रता होने पर ही जनता का आशीर्वाद मिलेगा। 1967 में प्रदेश की सियासत के लिए पहली बार निर्दलीय चुनाव लड़ा और जनता ने विधानसभा के दर्शन करवा दिए।

50 साल की लंबी राजनीति

हिमाचल विधानसभा में करसोग से सबसे वरिष्ठ विधायक मनसा राम ने कहा कि 50 साल की लंबी राजनीति ने ही उन्हें हिमाचल का वरिष्ठ विधायक होने का रुतबा दिलवाया है। उन्होंने बताया कि सुंदरनगर में पढ़ते हुए तत्कालीन राजा खानदान से राजा ललित सेन की नजर होटल में रहकर पढ़ने वाले मनसा राम पर पड़ी, तो उन्होंने उनको अपने महल में रखा व पढ़ाया। अध्यापक की नौकरी मिली और पहली पगार 70 रुपए जब हाथ में आए, तो आज भी उन क्षणों को याद करते हुए मनसा राम का चेहरा खिल जाता है। दलित व गरीब परिवार के मनसा राम को राजनीति में कुंदन की तरह तराशने वाले डा. यशवंत सिंह परमार ही थे तथा वर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के हनुमान होने के लिए भी मनसा राम की पहचान बनी रही है।

विकास मेरी पहली प्राथमिकता

युवा शक्ति सामाजिक तकदीर बदल सकती है। जनता के काम होते हैं, तो ही नेताओं को सम्मान मिलेगा। सियायत आसान काम नहीं है। सम्मान व अपमान जनता का हक है, जनता देव तुल्य है और करसोग का विकास मेरी पहली और आखिरी प्राथमिकता है।


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