सीएम सहित दांव पर लगी आठ मंत्रियों की प्रतिष्ठा

By: Oct 27th, 2017 12:15 am

शिमला— मुख्यमंत्री समेत प्रदेश सरकार के आठ मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। दिग्गज कहे जाने वाले ज्यादातर मंत्री चुनाव क्षेत्रों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। चुनाव कितना रोचक व चुनौतीपूर्ण है, यह उसकी मिसाल हो सकती है। इस बार दोनों ही दलों के समक्ष लक्ष्यों को लेकर बड़ी चुनौतियां हैं। भाजपा मिशन 50 प्लस लेकर आगे बढ़ रही है, जबकि कांग्रेस मिशन रिपीट के साथ ताल ठोंक रही है।  मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का चुनाव क्षेत्र बदला है। वह शिमला ग्रामीण से हट कर अर्की से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने यहां पूरा दमखम लगा रखा है कि मुख्यमंत्री के कदम रोके जाएं। जाहिर तौर पर जीत-हार का आंकड़ा प्रतिष्ठा से जुड़ा होगा। छह बार के मुख्यमंत्री व 53 साल का लंबा राजनीतिक तजुर्बा इस सीट पर उनके लिए क्या अंक गणित बिठाएगा, इस पर सभी की नजरें हैं। कांग्रेस के आठ मंत्री अपने चुनाव क्षेत्र से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। ये ऐसे मंत्री हैं, जिन्हें प्रदेश में दिग्गजों की श्रेणी में शुमार किया जाता है। इनसे उम्मीद भी पार्टी के वर्कर्ज को यही रहती है कि खुद के चुनाव क्षेत्र से निश्चिंत होकर अन्य प्रत्याशियों का चुनाव जिताने के लिए मदद करें, मगर पांच साल के बाद ऐसा दिख नहीं रहा। अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों में सरकार के मंत्री फंसे हुए दिख रहे हैं। यानी अपने हलके का प्रचार छोड़ कर दूसरे हलके में आने की कोई सूचना तक नहीं है।

 सभी अपने चुनाव क्षेत्रों में फंसे, बाकियों के लिए वक्त नहीं

* परिवहन मंत्री जीएस बाली नगरोटा-बगवां में अपने प्रचार में जुटे हैं। उनका नाम स्टार प्रचारकों की सूची में है, मगर वह किन क्षेत्रों में प्रचार के लिए उतरेंगे, इसकी सूचना अभी तक नहीं है।

* स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह द्रंग से बाहर नहीं आ पा रहे। अब तक वह सात बार चुनाव जीत चुके हैं। मंडी से बाहर भी उनकी छवि है, मगर मौजूदा प्रचार कार्यक्रम में वह भी बाहर नहीं निकल पाए हैं।

* उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री संतोषगढ़ विधानसभा क्षेत्र में काफी पहले से प्रचार में जुटे हैं। उनका रिपोर्ट कार्ड कैसा होगा, इस पर पूरी पार्टी की नजरें हैं।

* सुजान सिंह पठानिया कांगड़ा के निर्विवाद नेता हैं। ऊर्जा व कृषि महकमें उनके पास हैं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खास सिपहसालारों में उन्हें शुमार किया जाता है। जाहिर तौर पर उनकी परफार्मेंस पार्टी की प्रतिष्ठा से जुड़ी है।

* डा. धनीराम शांडिल के पास सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग का जिम्मा है। सोलन में वह कितनी प्रोग्रेस करते हैं, इस पर सभी की नजर है।

* ठाकुर सिंह भरमौरी वन मंत्री हैं। विपक्ष ने उनके खिलाफ पांच साल तक मोर्चा खोले रखा। उनका रिपोर्ट कार्ड कैसा होगा, यह नतीजे ही बताएंगे।

* शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा धर्मशाला से चुनाव लड़ रहे हैं। सीएम के करीबी होने का उन्हें कितना लाभ मिलेगा, यह रिजल्ट के बाद पता चल जाएगा।

* बल्ह से प्रकाश चौधरी चुनाव मैदान में है। आबकारी एवं कराधान विभाग का उनके पास कार्यभार है। उनकी भी विपक्ष ने कई मुद्दों पर घेरेबंदी की। मंडी का बल्ह चुनाव क्षेत्र उनका गढ़ माना जाता है।

स्टोक्स-अनिल पहले ही किनारे

आईपीएच मंत्री विद्या स्टोक्स का नामांकन रद्द हो चुका है। वह चुनावी जंग से बाहर हैं। पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा भाजपा के हो चुके हैं। बावजूद इसके सुखराम परिवार और पांच साल तक मंत्री रहे अनिल शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर होगी।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App