मंडी मे भूकंप के झटके ,रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.4

111 अंकों की बढ़त के साथ 33,258 के स्तर पर खुला सेंसेक्स। 10,360 के स्तर पर निफ्टी।

बीबीएन में अढ़ाई लाख प्रवासियों के लिए साफ पानी तक मयस्सर नहीं बीबीएन, बद्दी  – प्रवासी कामगारों की आस्था के पर्व छठ पूजा की गुरुवार को बीबीएन में खूब धूम रही, लेकिन बीबीएन में इन प्रवासियों को साफ पानी न मिलने से गंदगी से अटे पड़े नदी-नालों में ही छठ पूजा करनी पड़ रही है।

पांवटा में पुलिस ने हरियाणा की गाड़ी से तीन, शाहपुर में दो लाख नकद पकड़े पांवटा साहिब – पांवटा साहिब के सीमांत बैरियर पर मुश्तैद चुनाव आयोग की फ्लाइंग स्क्वायड की टीम ने एक गाड़ी से तीन लाख रुपए की नकदी पकड़ी है। यह नकदी हरियाणा की एक कार से बरामद हुई। यह कार पांवटा

जिला के दोनों बड़े नेता अब पहले जैसे सक्रिय नहीं, टिकट न मिलने पर कइयों ने छोड़ा मैदान सोलन  — सोलन में कई वरिष्ठ नेता राजनीतिक परिदृष्य से गायब होते दिख रहे हैं। इसी शांता कुमार की सरकार में परिवहन मंत्री रहे महेंद्र नाथ सोफत भी इन दिनों गायब हैं।  बताया जा रहा है कि

चुवाड़ी के मलूंडा में भेड़-बकरियां चरा रहा ग्रामीण, होली में महिला की लहुलूहान चुवाड़ी- मलूंडा पंचायत के कलम नाले में रीछ ने ग्रामीण को बुरी तरह नोच डाला। भालू के हमले से घायल ग्रामीण को प्राथमिक उपचार के बाद नाजुक हालत में पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया है। वन विभाग की ओर से वन

पांच साल तक जिन मसलों पर होती रही सियासत, अब उनका जिक्र तक नहीं कर रहे राजनीतिक दल धर्मशाला— विधानसभा चुनावों के शोरगुल में एक बार फिर जनता के मुद्दे गायब होने लगे हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा 15 सीटों वाले कांगड़ा जिला के अधिकतर विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशी जनता के मुद्दों को छोड़कर जातीय

मंडी— जिला मंडी में आजाद प्रत्याशी के साथ जनता नहीं चलती। हालांकि कई चुनावों में ये प्रत्याशी दूसरे पार्टी समर्थित प्रत्याशियों का खेल जरूर बिगाड़ देते हैं। जिला मंडी की बात करें तो वर्ष 1977 से लेकर 2012 के चुनावों में करीब 143 उम्मीदवार आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनावी दंगल में उतरे, लेकिन मात्र

शिमला— मुख्यमंत्री समेत प्रदेश सरकार के आठ मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। दिग्गज कहे जाने वाले ज्यादातर मंत्री चुनाव क्षेत्रों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। चुनाव कितना रोचक व चुनौतीपूर्ण है, यह उसकी मिसाल हो सकती है। इस बार दोनों ही दलों के समक्ष लक्ष्यों को लेकर बड़ी चुनौतियां हैं। भाजपा मिशन

चुनाव मैदान में डटे रहे शांता के शिष्य प्रवीण कुमार, वापस नहीं लिया नाम पालमपुर— सियासत के आगे रिश्ते एक बार फिर ‘बौने‘ साबित हो गए हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद शांता कुमार के मान मनुहार के बावजूद चेले प्रवीण कुमार ने चुनावी समर से नाम वापस नहीं लिया है। अपने सबसे