500 परिवारों ने खाई कसम..नहीं पिएंगे दारू

By: Oct 2nd, 2017 12:10 am

हरिपुरधार के भलौना में कनियाल बिरादरी ने पेश की मिसाल, बिना शराब होगी शादी

newsहरिपुरधार— सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र की कनियाल बिरादरी ने एक अनूठी पहल की है। इस बिरादरी के लोगों ने नशाखोरी के खिलाफ एक बड़ा फैसला लिया है। लगभग दस हजार की आबादी वाली इस बिरादरी का कोई भी व्यक्ति अब न तो शराब पिएगा और न ही जुआ खेलेगा। इस बिरादरी के लगभग 500 परिवारों ने भलौना गांव के शिरगुल मंदिर में शराब न पीने की शपथ ली है। कनियाल बिरादरी के लोगों ने कुल देवता के समक्ष जुआ न खेलने की कसम खाई है। कनियाल बिरादरी के ऐतिहासिक फैसले की जमकर तारीफ हो रही है। बिरादरी का एक महासम्मेलन भलौना गांव में संपन्न हुआ। सम्मेलन में कनियाल बिरादरी के 300 से अधिक लोगों ने भाग लिया। कांडो निवासी बहादुर सिंह शर्मा ने सम्मेलन में प्रस्ताव रखा कि कनियाल बिरादरी यदि अपने 18 गांवों में शराब बनाने व पीने पर पाबंदी लगाती है, तो इससे जहां युवा पीढ़ी का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है, वहीं शादी व अन्य समारोह में फालतू का खर्च भी कम हो सकता है। इससे पारिवारिक झगड़ों में जहां भारी कमी आ सकती है, वहीं अपराध की घटनाओं पर भी अंकुश लग जाएगा। सम्मेलन में उपस्थित लोगों ने शर्मा की ओर से रखे गए प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन किया और तुरंत प्रभाव से फैसले लागू करने पर भी मुहर लगा दी। सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि कनियाल बिरादरी नशे के खिलाफ अलख जगाकर अन्य गांव में भी मुहिम तेज करेगी। खासकर युवाओं को इस मुहिम से जोड़ने का फैसला लिया गया।

क्या है परंपरा

गिरिपार में शादी-विवाह व अन्य समरोह में शराब परोसे जाने की पुरानी परंपरा है। इसके अलावा इन समारोहों में बकरों के काटे जाने की भी परंपरा है। चाहे कोई कितना ही गरीब हो, परंपरा निभाने के लिए वह जमीन तक बेचने को विवश हो जाता है। गिरिपार के शिलाई क्षेत्र में कुछ सालों से शादी-विवाह में बकरों की धाम पर रोक लगाई गई थी। बहरहाल, अब इस फैसले की तारीफ हो रही है।

18 गांवों में एक साथ पाबंदी

गिरिपार क्षेत्र में ऐेसे कई गांव व पंचायतें हैं, जहां शराब बनाने व पीने पर प्रतिबंध  है, मगर एक ही बिरादरी के 18 गांवों में शराब पर पाबंदी लगाने का गिरिपार क्षेत्र में यह पहला मामला है। कनियाल बिरादरी के 500 परिवार हैं, जिनकी कुल आबादी लगभग दस हजार बताई जा रही है। कनियाल बिरादरी का मूल गांव बढ़ोल पंचायत का कुणा गांव है। इस गांव के लिए गिरिपार क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग डेढ़ दर्जन गांव में बसे हुए हैें। मूल गांव कुणा होने के कारण इस बिरादरी के लोगों को कुनियाल कहते हैं। कुनियाल बिरादरी के लोग रवाणा, बढ़ोल, कांडो, कुणा, नाय, बनवाणी, कफनु, तांदियों, कुकड़ेच, शिलाण, माइला, कालरियां, छछोती, गोंठ, बरवाड़ी, नांडी, भलौना व डोलना समेत 18 गांवों में रहते हैं। कांडो बढ़ोल निवासी रिडायर्ड प्रिंसिपल बहादुर सिंह शर्मा बताते हैं कि आज की युवा पीढ़ी नशे के गर्त में फंसती जा रही है। शादी व अन्य समारोह में शराब पीने से अकसर हुड़दंग व मारपीट की घटनाओं में भारी इजाफा हो रहा है। कई लोग ऐसे समारोह में जुआ भी खेलते हैं। इससे सबसे अधिक परेशानियों का सामना महिलाओं को करना पड़ता है। उन्होंने महिलाओं से भी इस विषय को लेकर चर्चा की थी। महिलाओं के खुलकर समर्थन मिलने के बाद ही उन्होंने इस मसले को सम्मेलन में रखा था।


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