अधूरी सड़कों का ब्यौरा दे हिमाचल

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत केंद्र ने तलब की एक्शन टेकन रिपोर्ट

शिमला — हिमाचल में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना यानी पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाली कई सालों से अधर में पड़ी सड़कों के बारे में केंद्र ने सख्ती दिखाई है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्य से लंबित सड़कों पर एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की है। इसमें पांच साल या उससे अधिक समय से लटकी सड़कों पर एटीआर 31 दिसंबर तक भेजने को  कहा  गया है। ऐसा न करने पर राज्य की ये सड़कें लैप्स हो सकती हैं। हिमाचल में कई सालों से सड़कें अधर में लटकी हुई हैं। इस बारे में जून में शिमला में उत्तरी राज्यों की एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी, इसमें सभी राज्य सरकारों से लंबित सड़कों को पूरा करने के निर्देश दिए गए थे और इन सड़कों पर एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन अन्य राज्यों के साथ-साथ हिमाचल ने भी कई सड़कों की रिपोर्ट नहीं दी है। ऐसे में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अन्य राज्यों सहित हिमाचल को भी इस बारे पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि  लंबित सड़कों के बारे में लोक निर्माण विभाग ने क्या कार्रवाई की है, इसकी पूरी जानकारी दी जाए। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने लंबित सड़कों के बारे में हिमाचल से जो रिपोर्ट मांगी है, उसमें साल 2011 की एक सड़क, 2012 की दो सड़कें शामिल हैं। इनके अलावा 2013 की दो और 2014 के एक सड़क की एक्शन टेकन रिपोर्ट नहीं दी गई है। इन सड़कों की रिपोर्ट के लिए 31 दिसंबर तक का समय निर्धारित किया गया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अढ़ाई साल से अधिक की लंबित कई सड़कों के बारे में भी रिपोर्ट मांगी है, जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं दी गई है। इसमें साल 2015 की दो सड़कों के अलावा साल 2016 की 31 सड़कें शामिल हैं। इस तरह मंत्रालय ने हिमाचल की कुल 39 सड़कों को इंगित किया है, जिसमें हिमाचल की ओर से कोई प्रगति नहीं दिखाई गई है। ऐसे में यह एक्शन टेकन रिपोर्ट हिमाचल से मांगी गई है।

132 मार्ग लटके

राज्य में पीएमजीएसवाई के तहत कई सड़कें सालों से अधर में लटकी हैं, जो पूरा होने का इंतजार कर रही हैं। जून में शिमला में पीएमजीएसवाई की समीक्षा बैठक में लंबित सड़कों का मसला उठा था, तब केंद्रीय मंत्रालय ने हिमाचल सहित सभी राज्यों की लंबित सड़कें जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि तब राज्य में पीएमजीएसवाई की 132 सड़कें ऐसी पाई गईं, जो कई साल से अधूरी पड़ी हैं। इसमें 2006 की भी कुछ सड़कें लंबित पड़ी सड़कें भी शामिल थीं, लेकिन बाकी सड़कों की रिपोर्ट हिमाचल के लोक निमार्ण विभाग की ओर से दी गई थी, जबकि इन 39 सड़कों की रिपोर्ट मंत्रालय को नहीं दी गई है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि इन पर काम रुका हुआ है और इनके काम में कोई प्रगति नहीं हुई है। ऐसे में लोक निर्माण विभाग भी इन सड़कों की रिपोर्ट नहीं दे पाया है। इसके चलते अब केंद्रीय मंत्रालय ने हिमाचल को इन सड़कों के बारे में एक्शन टेकन रिपोर्ट करने के लिए डेडलाइन तय की है। यदि राज्य की ओर से इन सड़कों की एक्शन टेकन रिपोर्ट नहीं दी जाती है, तो केंद्रीय मंत्रालय इसे लैप्स कर सकता है।