इस हफ्ते की फिल्म — बेहतर पार्टनर ढूंढने की तलाश है ‘करीब-करीब सिंगल’

 निर्देशक : तनुजा चंद्रा

 कलाकार : पार्वती, इरफान खान  तनुजा चंद्रा, गजल धालीवाल, कामना चंद्रा

 दिव्य हिमाचल रेटिंग   **/5

तनुजा ने इस बार लंबे गैप के बाद जब इस फिल्म के निर्देशन की कमान संभाली तो तभी यह साफ  हो गया है कि यह फिल्म भी तनुजा की पिछली फिल्मों की तरह बॉलीवुड मसाला फिल्मों की भीड़ से दूर हटकर होगी।  करीब करीब फिल्म में  एक नॉर्थ इंडियन और साउथ इंडियन की प्रेम कहानी है।  अब यह बात अलग है कि तनुजा ने इस कहानी को बिलकुल अलग अंदाज में पिछली दोनों फिल्मों से हटकर पेश किया है। कहानी की डिमांड पर तनुजा ने फिल्म की दिल्ली, अलवर, ऋषिकेश और गगंटोक तक की लोकेशन पर शूट किया और तनुजा का अपनी इस सिपंल लव और अलग टाइप की कहानी को इन लोकेशन तक मेन किरदारों की जर्नी को पहुंचाना ही इस फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी बन गई है।

 जया पार्वती दक्षिण भारतीय है और उसकी उम्र अब करीब पैंतीस साल की है। कुछ साल पहले उसके पति की मृत्यु हो चुकी है। सिंगल जया अब कई साल के बाद अपनी जिदंगी को नए सिरे से शुरू करने के लिए लाइफ पार्टनर की तलाश में है। जया की पसंद दूसरों जैसी नहीं है, उसे अपने व्यवहार को समझने वाला ऐसा लाइफ  पार्टनर चाहिए जो कुछ-कुछ उसके जैसा हो। योगी मनमौजी और अपनी बसाई दुनिया में फुल मस्ती के साथ जीने वाला इनसान है। योगी एक कवि है, लेकिन उसकी पहचान नहीं बन पाई है। योगी की प्रोफाइल देखने के बाद जया उससे मिलने का फैसला करती है। योगी अतरंग और बहुमुखी है, अपने अंदर कुछ भी रखना उसे गवारा नहीं सो वह अपने दिल की हर बात जया को बेहिचक कह देता है। जया उस वक्त हैरान होती है जब योगी उसे अपनी पिछली प्रेमिकाओं के बारे में पूरी ईमानदार के साथ बताते हुए जया को उनसे अपने साथ मिलने जाने का न्योता भी देता है। योगी के स्टाइल और उसकी सोच को देखकर जया हैरान है। योगी उसे जब अपनी प्रेमिकाओं से मिलने के लिए अपने साथ ऋषिकेश, अलवर और गंगटोक साथ चलकर मिलने और उनसे अपने खुद के बारे में जानने के लिए साथ चलने के लिए बार-बार कहता है तो जया भी उसके साथ इस खास टूअर में साथ चलती है।

रिव्यूः  इरफान और पार्वती दोनों ही अपने- अपने किरदारों में 100 फीसदी फिट रहे हैं। पार्वती साउथ की जानी मानी एक्ट्रेस हैं, उन्होंने अपने किरदार के साथ न्याय किया है। इरफान जब भी स्क्रीन पर आते हैं तो हाल में बैठे दर्शकों को कुछ पल हंसने का मौका मिलता है। नेहा धूपिया, ईशा श्रवणी, नवनीत निशान और कैमियो रोल में ब्रिजेंद्र काला ने अपने अभिनय को बखूबी निभाया है। तारीफ  करनी होगी तनुजा की जिन्होंने फिल्म में गानों का कहानी का हिस्सा बनाकर पेश किया है। ‘जाने दो’ और ‘खत्म कहानी’  गानों का फिल्मांकन शानदार है तो फिल्म की लोकेशन की जितनी भी तारीफ  की जाए कम है।