ऊझी घाटी के हाथ रही है कुल्लू की सत्ता

By: Nov 1st, 2017 12:15 am

चार बार भाजपा; तीन बार कांग्रेस, एक-एक बार जनता पार्टी-हिलोपा के सिर सजा ताज

कुल्लू — आजादी के समय कुल्लू में एक ही दल था-आल इंडिया कांग्रेस। कुल्लू तब पंजाब राज्य का हिस्सा था और पंजाब में कांग्रेस मंत्रिमंडल था। ठाकुर बेली राम 1947 से 1951 तक कुल्लू से पंजाब के सदस्य रहे। वह संसदीय सचिव भी बने तथा राजस्व और परिवहन मंत्रालय से संबद्ध रहे। आजादी के बाद पहला चुनाव 1952 में हुआ। उस समय जिला में दो विस क्षेत्र कुल्लू और सराज थे, तब कुल्लू से लालचंद प्रार्थी तथा सराज से राजा रघुवीर सिंह चुने गए। कुल्लू कांगड़ा में था और कांगड़ा की एक ही संसदीय सीट थी, जिस पर हेमराज सूद जीतते रहे। 1957 के चुनाव में कुल्लू दोहरा चुनाव क्षेत्र बना, जिसमें एक एससी के लिए आरक्षित था। आरक्षित स्थान से जीत राम और सामान्य सीट से राजा रघुवीर सिंह ने जीत दर्ज की थी। 1960 में लाहुल पृथक जिला बना। 1963 में कुल्लू जिला बना, फिर चुनाव क्षेत्रों में फेरबदल किया गया। फिर कुल्लू के तीन चुनाव क्षेत्र कर दिए गए, आनी, कुल्लू तथा बंजार। आनी को एससी के लिए आरक्षित घोषित किया गया। बंजार से बंसी राम तथा कुल्लू से लाल चंद प्रार्थी सफल हुए। ठाकुर बेली राम जिला परिषद कांगड़ा के चेयरमैन पहली मार्च, 1962 को चुने गए। 27 अप्रैल, 1962 को वह पंजाब विधान परिषद के सदस्य बने और 1966 तक सदस्य बने रहे। 1967 तथा 1972 के चुनाव में तीनों सीटें कांग्रेस को मिलीं, जिस पर दोनों बार कुल्लू से लाल चंद प्रार्थी, बंजार से दिले राम शबाब तथा आनी से ईश्वर दास चुने गए। पहली बार लाल चंद मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बने और 1977 तक मंत्री बने रहे। 1977 में कुल्लू से कुंज लाल और बंजार से महेश्वर सिंह ने जीत दर्ज की। 1985 में तीन सीटें कांग्रेस को मिली। राजकृष्ण गौड़ कुल्लू से, सत्यप्रकाश ठाकुर बंजार से तथा ईश्वरदास आनी से सफल हुए। बंजार से कर्ण सिंह और खीमी राम शर्मा, कुल्लू से चंद्रसेन, गोविंद व आनी से ईश्वर दास, खूब राम तथा किशोरी लाल सागर विधायक रहे। 2012 में बंजार से कांग्रेस प्रत्याशी कर्ण सिंह विधायक और कैबिनेट मंत्री बने। कुल्लू से महेश्वर सिंह विधायक बने। आनी से कांग्रेस प्रत्याशी खूब राम आनंद विधायक बने और मनाली से भाजपा प्रत्याशी गोविंद सिंह विधायक बने।

कौन प्रत्याशी, कब

वर्ष        जीते       पार्टी

1977      कुंजलाल ठाकुर       जनता पार्टी

1982      कुंजलाल ठाकुर       भाजपा

1985      राजकृष्ण गौड़        कांग्रेस

1990     कुंजलाल ठाकुर       भाजपा

1993      राजकृष्ण गौड़        कांग्रेस

1998      चंद्रसेन ठाकुर         भाजपा

2003      राजकृष्ण गौड़        कांग्रेस

2007      गोविंद सिंह           भाजपा

2012      महेश्वर सिंह          हिलोपा

फिर अलग सीट बन गई मनाली

कुल्लू विधानसभा क्षेत्र की सत्ता ज्यादातर ऊझी घाटी के हाथ रही। लाल चंद प्रार्थी, राजकृष्ण गौड, ठाकुर कुंज लाल, चंद्रसेन ठाकुर और गोविंद सिंह ठाकुर ऊझी घाटी से ताल्लुख रखते हैं। वर्ष 2012 के विस चुनाव में मनाली अलग सीट बन गई। इसके बाद कुल्लू सदर की सीट पर कुल्लू विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखने वाले महेश्वर सिंह ने चुनावी दंगल में उतरकर सीट पर पहली बार कब्जा किया। ऊझी घाटी के नेता अपने विधानसभा क्षेत्र में चले गए।


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