ऊना में बिना उपचार बच्ची की मौत

पीडि़त परिजनों ने क्षेत्रीय अस्पताल के डाक्टरों पर जड़ा लापरवाही का आरोप

 ऊना— क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में एक बार फिर कथित कोताही उजागर हुई है। इस बार क्षेत्रीय अस्पताल में दस माह की बच्ची की मौत हो गई। जुकाम, छाती जाम की बीमारी से ग्रसित इस  बच्ची को समय पर सही उपचार नहीं मिलने के चलते कोताही का खामियाजा भुगतना पड़ा है। हालांकि इस मसले पर क्षेत्रीय अस्पताल ऊना के प्रशासन को मौखिक जानकारी दी गई। लेकिन उसके बावजूद अधिकारी इस मसले को लेकर अनजान बने रहे।   जानकारी के अनुसार बंगाणा उपमंडल के  खोलीं की हरप्रीत पुत्री चन्नण सिंह छाती जाम, जुकाम की बीमारी से ग्रसित थी।  परिजन बुधवार को लाड़ली को  क्षेत्रीय अस्पताल ऊना लेकर पहुंचे, लेकिन यहां पर परिजनों को अपनी बेटी के उपचार के लिए शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की सेवाएं नहीं मिल पाई। अस्पताल में परिजनों ने अपनी बेटी को अन्य चिकित्सक के पास चैकअप करवाया। चिकित्सक द्वारा शिशु रोग विशेषज्ञ के घर पर ही चैकअप करवाने के लिए भेजा गया। चिकित्सक के घर से अनजान परिजन दोपहर करीब डेढ़ बजे वहां पर पहुंचे। चिकित्सक द्वारा बेटी को उपचार मुहैया करवाया गया। इसके बाद चिकित्सक द्वारा बेटी को अस्पताल में भी चैकअप करवाने की सलाह दी, लेकिन यहां पर भी परिजन उलझे ही रहे। वहीं, उपचार नहीं मिलने के चलते हरप्रीत ने दम तोड़ दिया। बेटी की मौत के चलते परिजनों ने अस्पताल के कुछ कर्मचारियों पर भी अपना गुस्सा निकाला।   चन्नण सिंह का आरोप है कि  उपचार समय पर नहीं मिलने के चलते उसकी बच्ची की मौत हो गई। डाक्टर उपचार  के बजाय लंबे समय तक इधर-उधर भेजते रहे।

उधर, इस बारे में वार्ड पंच नीलम कुमारी का कहना है कि बच्ची की मौत के बारे में जब अस्पताल प्रशासन के उच्च अधिकारियों से बात की गई तो अधिकारी द्वारा मीटिंग में होने की बात कहकर इस बात को अनसुना कर दिया।