ऊना लाइब्रेरी; किताबें बेशुमार, पढ़ने वालों की भी कमी नहीं

1971 में शुरू हुए जिला पुस्तकालय में 40 हजार पुस्तकें, गीता से लेकर हर तरह की कलेक्शन

ऊना- करीब पांच दशक पहले ऊना में शुरू हुई जिला लाइब्रेरी वरदान साबित हुई है। हालांकि जिला पुस्तकालय में कई समस्याएं भी हैं। यदि इन समस्याओं का समाधान कर दिया जाता है, तो इसका और अधिक फायदा यहां के लोगों को मिल सकता है। ऊना में 1971 में जिला पुस्तकालय ने कार्य करना शुरू किया। 1993 को जिला पुस्तकालय को भवन मिल गया। वर्तमान में जिला पुस्तकालय में करीब 40000 विभिन्न किताबें हैं। इसमें बच्चों की किताबें अलग और अन्य किताबें रखने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है। महाभारत, रामायण, गीता के अलावा अन्य वेदिक ग्रंथ भी रखे गए हैं। हरिवंश राय बच्चन, मुंशी प्रेम चंद, रविंद्र नाथ टैगोर सहित अन्य उपान्यासकार के उपान्यास भी हैं, लेकिन जिला पुस्तकालय में अब किताबें रखने के लिए दायरा छोटा पड़ने लगा है। लगातार किताबों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन अभी भी इन किताबों को दशकों पुरानी अलमारियों में ही रखा जा रहा है। जिला लाइब्रेरी में विभिन्न किताबें, उपान्यास, वेदिक ग्रंथ रखे गए हैं, जिन्हें पढ़ने के लिए हर रोज लोग पहुंचते हैं। हालांकि इन समस्याओं के बारे में नेशनल लाइब्रेरी कलकत्ता (राजा राम मोहन राय लाइब्रेरी) को भी समय-समय पर अवगत करवाया जाता है, लेकिन उसके बावजूद समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा। जिला पुस्तकालय में किताबें रखने के लिए रैक कम पड़ रहे हैं। लाइब्रेरी आने वालों के लिए टूटी कुर्सियों की व्यवस्था है। इसमें सबसे अहम समस्या यह भी है कि यदि कोई व्यक्ति जिला पुस्कालय में किताबें डोनेट करने के लिए आता है, तो उसे वापस भेज दिया जाता है, क्योंकि जिला पुस्तकालय में किताबें रखने की उचित व्यवस्था नहीं है।

कुछ समस्याएं, वे दूर हो जाएं

कोटलाकलां के प्रदीप-विनय का कहना है कि पुस्तकालय में वैसे तो सुविधाएं बेहतर हैं, लेकिन कुछेक समस्याएं भी हैं, जिनके समाधान से कोई दिक्कत नहीं रहेगी।

बुक न देने पर देते हैं रिमाइंडर

जिला पुस्तकालय से पुस्तक लेने के बाद यदि कोई निर्धारित तिथि तक पुस्तक वापस नहीं लौटाता, तो उन्हें रिमाइंडर भेजा जाता है। फिर भी वह बुक न लौटाए, तो उसे नोटिस जारी किया जाता है, लेकिन अभी तक रिमाइंडर तक ही मसला सिमट चुका है।

40 को मिली सरकारी नौकरी

पुस्तकालय में विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर चुके 40 सदस्यों को विभिन्न विभागों में नौकरी मिल चुकी है। हर रोज ये यहां परीक्षाओं की तैयारी करने आते थे। अब सरकारी विभागों में सेवाएं दे रहे हैं।