कांग्रेस-भाजपा प्रत्याशी ले रहे चुनावों की फीडबैक

शाहतलाई —झंडूता चुनाव क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों के प्रत्याशी चुनाव होने के बाद अपने-अपने कार्यकर्ताओं से बैठकें कर मतदान के बाद फीडबैक ले रहे हैं। इसके चलते दोनों प्रत्याशियों में पिछले दिनों जहां कांग्रेस प्रत्याशी डा. वीरू राम किशोर बरठीं में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर कार्यकर्ताओं से अपने-अपने पोलिंग स्टेशन की नब्ज टटोल रहे थे। वहीं दूसरी ओर, भाजपा प्रत्याशी जेआर कटवाल ने भी झंडूता में कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग कर मतदान की अपने-अपने पक्ष को लेकर स्थिति का अनुमान लगाने का प्रयास किया। हालांकि चुनाव क्षेत्र की जनता ने ईवीएम में इस बार विधानसभा के लिए भेजे जाने वाले सदस्य का भाग्य 18 दिसंबर तक बंद कर दिया है। चुनाव क्षेत्र में चर्चाओं का मौहाल काफी गर्म है। हर जगह कार्यकर्ताओं के अलावा बाजारों में भी आम जनता में भी अपने-अपने प्रत्याशी को लेकर रुझान बना हुआ है, जहां दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता अपने-अपने प्रत्याशी को लेकर जीत के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। कुछ कार्यकर्ता तो अपने प्रत्याशी को हजारों की बढ़त के साथ जीत को लेकर आश्वस्त हैं, लेकिन इन दावों का पता तो  झंडूता में खुलने वाली ईवीएम से ही पता चलेगा कि कौन इस चुनाव क्षेत्र में बाजी मारता है। एक दिलचस्प बात और भी है कि इस बार इस विधानसभा क्षेत्र  के मतों की गणना भी झंडूता में ही पहली बार होने वाली है, जिससे लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है, क्योंकि इससे पहले इस चुनाव क्षेत्र की घुमारवीं में होती रही है, जिससे चुनाव क्षेत्र के कुछ कार्यकर्ताओं के अलावा आम लोग नहीं पहुंच पाते थे। अब देखना है कि  झंडूता में पहली बार मतगणना  के समय कितने लोगों का जमावड़ा लगता है। इस चुनाव क्षेत्र में इस बार भाजपा की ओर से नए चेहरा के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस जेआर कटवाल को भाजपा प्रत्याशी के रूप में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भरोसा करते हुए चुनाव क्षेत्र में उतारा है, लेकिन इसका पता तो चुनाव नतीजे आने के बाद ही चल पाएगा। क्योंकि अभी तक यह सारी बातें भविष्य के गर्भ में छिपी हुई हैं, लेकिन दूसरी ओर बात की जाए तो कांग्रेस प्रत्याशी की हालांकि पिछले दो चुनावों में लगातार भाजपा के विधायक रिखी राम कौंडल ने दोनों ही बार पटकनी देते हुए अपनी विजय हासिल की थी। हालांकि पिछले चुनाव में 1199 मतों के अंतर से बाजी मारी थी। फिर भी कांग्रेस पार्टी ने डा. वीरू राम किशोर के ऊपर भरोसा करते हुए चुनाव मैदान में उतारा है। ज्ञात रहे कि डा. वीरू राम दो बार इस चुनाव क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। एक बार तो पार्टी का टिकट न मिलने के चलते यहां के कार्यकर्ताओं ने 2003 के चुनाव में आजाद प्रत्याशी के रूप में उन्हें जिताकर विधानसभा पहुंचाया था। हालांकि आजाद चुनाव जीतने के बावजूद भी डाक्टर किशोर समय कांग्रेस पार्टी की सरकार में एसोसिएट मेंबर के रूप में अपना समर्थन दिया था। चुनाव क्षेत्र में दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों की कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग के बाद व्हाट्सऐप पर अपनी-अपनी बढ़त को लेकर लिस्ट बनाकर वायरल हुई है।