किसानों के लिए कुछ नहीं कर पाई कांग्रेस
शिमला — पांच साल के दौरान वीरभद्र सरकार ने किसानों की फसलों को जंगली जानवरों और आवारा पशुओं से बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। निचले क्षेत्रों के किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं और पूरे प्रदेश में 50 हजार से अधिक किसान खेती छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। यह बात भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कही। उन्होंने कहा कि शिमला समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बंदरों और कुत्तों ने आम जनता का जीना दुभर कर दिया है। कांग्रेस सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कोई नीति बनाने की बजाय घोटालों पर जोर दिया। जगह-जगह बंदरों व कुत्तों को पकड़ने और नसबंदी करने का अभियान छेड़ा गया, जो महज हवाई साबित हुआ। इससे बंदरों और कुत्तों की समस्या से न तो किसानों और न आम नागरिकों को कोई राहत मिली, बल्कि कांग्रेस के चहेते अफसर और नेता करोड़ों के वारे-न्यारे करके मालामाल हो गए। बंदरों के अलावा जंगली सूअर और नीलगाय भी किसानों को बुरी तरह नुकसान पहुंचा रहे हैं। भाजपा की सरकार आने पर तुरंत ठोस नीति बनाई जाएगी। सत्ता में आते ही भाजपा न सिर्फ किसानों की समस्याओं के समाधान के ठोस उपाय करेगी, बल्कि किसानों की आड़ में हुए घोटालों की छानबीन भी करवाएगी।
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