कैसे सबक सिखाया

एक दिन गुस्से में आकर मां ने उस अलमारी को ही ताला लगा दिया जिसमें बिस्कुट आदि चीजें रखी हुई थीं। उस अलमारी में बिस्कुट आदि के अलावा दवाइयां व कुछ अन्य सामान भी रखा हुआ था…

गोलू और पलू भाई-बहन थे। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे इसलिए एक साथ आते-जाते थे। गोलू और पलू के स्वभाव बिलकुल भिन्न थे। पलू सीधी सादी थी जबकि गोलू को घर में रखी चीजें खाने की बहुत बुरी आदत थी।

बिस्कुट हो या नमकीन, पेस्ट्री हो या चॉकलेट, वह कुछ नहीं छोड़ता था। अकसर मां उसे इस बात के लिए डाटंती भी थीं, पर उस पर इन बातों का कोई असर नहीं होता था। और गोलू मां की बातों को एक कान से सुनता तो दूसरे कान से निकाल देता था। एक दिन गुस्से में आकर मां ने उस अलमारी को ही ताला लगा दिया जिसमें बिस्कुट आदि चीजें रखी हुई थीं। उस अलमारी में बिस्कुट आदि के अलावा दवाइयां व कुछ अन्य सामान भी रखा हुआ था।

एक दिन गोलू  और पलू स्कूल से लौटे। पलू की तबीयत स्कूल से आते ही कुछ खराब हो गई। पहले तो गोलू ने ध्यान नहीं दिया  पर जब पलू की तबीयत कुछ ज्यादा बिगड़ने लगी तो उसने मां को आफिस फोन किया और उन्हें पलू की बिगड़ती हुई तबीयत के बारे में बताया। मां बोलीं, गोलू  लगता है पलू को लू लग गई है। तुम अलमारी में रखे ग्लूकोज को घोलकर पिला दो तब तक मैं डाक्टर को फोन करती हूं।  पर तुम ग्लूकोज को घोल कर पिलाते रहना वरना मुश्किल हो जाएगी।

गोलू जल्दी से रिसीवर रखकर अलमारी से ग्लूकोस निकालने के लिए ज्यों ही अलमारी के पास पहुंचा, तो देखा ताला लगा था। उसने इधर-उधर चाबी ढूंढी पर उसे कहीं न मिली। तब उसने फिर से मां के आफिस फोन किया।

मां बोलीं, ओह बेटा चाबी तो मेरे पास है।  अब क्या होगा मां  गोलू  फोन पर ही रो पड़ा अब क्या करूं। रोते हुए मम्मी से बोला, आपने अलमारी को ताला क्यों लगाया। आपको पता था कि उसमें ग्लूकोज है फिर। अब मैं क्या करूंगा।

मां बोली पर गोलू  तुम्हें भी तो पता था कि उसमें बिस्कुट पड़े हैं, जो तुम रोज चुपके से खा जाते हो। न तुम बिस्कुट खाते न मैं ताला लगाती और न पलू का इतना बुरा हाल होता। अच्छा मैं डाक्टर को लेकर अभी आती हूं।  कह कर मां ने रिसीवर रख दिया।

गोलू  की हालत खराब। कभी वह पलू को देखता तो कभी रोता। थोड़ी देर में मां आ गई। आप अकेली आईं। हैं, मां के घर में घुसते ही गोलू ने पूछा। आपको पता है पलू की तबीयत कितनी खराब है। फिर अंदर से आवाज आई मैं तो ठीक-ठाक हूं

भईया। अरे मां के आते ही तू ठीक हो गई मेरी  बहन। कहकर गोलू  ने पलू को गले से लगा लिया। अब मैं कभी चोरी नहीं करूंगा, कभी नहीं, ऐसा कहते हुए गोलू  रो पड़ा। मां ने गोलू और पलू को गले से लगा लिया। फिर मां गोलू  से बोली असल में पलू और मैंने  मिलकर ही तुम्हें सबक सिखाने की योजना  बनाई थी।