घुमारवीं में रसोई गैस सबसिडी को तरसे लोग

घुमारवीं — घुमारवीं विधानसभा व सदर का कुछ भाग रसोई गैस की सबसिडी न मिलने से परेशान है। घुमारवीं से गैस की आपूर्ति जिन जिन क्षेत्रों के लोगों को हो रही है , वहां कुछ लोगों को सबसिडी नहीं आ रही हैं। इसके चलते लोगों में विभाग के प्रति रोष पैदा हो गया है। घुमारवीं व सदर क्षेत्र की कुल 45 पचायतों के लगभग एक लाख लोगों को घुमारवीं कार्यालय से गैस की आपूर्ति की जाती हैं, जिसमे घुमारवीं ंविधानसभा क्षेत्र की 35 पंचायतें तथा सदर की दस पंचायतें शामिल हैं। दोनों विधानसभा क्षेत्रों के उपभोक्ता जिन्होंने गैस के कनेक्शन ले रखे हैं उनकी संख्या 19582 है। इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों से 1083 लोग ऐसे हैं जिनके द्वारा सबसिडी का मोह त्याग दिया गया है। इन सबसिडी छोड़ने वालो में कोई भी नेता शामिल नहीं है, जिन्होंने सबसिडी को छोड़ा है इसमे आम आदमी ही है। सबसिडी छोड़ने वालों के अलावा ऐसे भी आम जनता है, जिनको कई महीनों से गैस के सबसिडी के पैसे खातों में नहीं आए हैं। इन लोगों ने कई बार विभाग के पास अपना दुखड़ा भी सुनाया लेकिन समस्या जैसी की तैसी ही है और सबसिडी नहीं आ रही है। विभाग के पास ऐसी कई शिकायतें पिछले कुछ महीनों से आ रही हैं कि खातों में सबसिडी  नहीं आ रही हैं और हमने सबसिडी छोड़ने के लिए किसी तरह का पत्र लिखकर नहीं दिया है। विधानसभा क्षेत्र के लोगों आशा देवी, प्रदीप गुप्ता, विशाल सोनी, तारा देवी, मंजीत ठाकुर, अनिल कुमार, यशपाल  और दलेल सिह आदि ने कहा कि हमारी सबसिडी कई महीनों से और लगभग एक साल से भी ज्यादा समय से नहीं आ रही हैं, जिसकी शिकायत कार्यालय में भी की गई है। बावजूद इसके सबसिडी  नहीं आ रही हैं। इन लोगों ने कहा कि एक तो दिन प्रतिदिन गैस सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं और ऊपर से विभाग अपनी मर्जी से सबसिडी  लोगों के खातों में डाल रहे हैं जो निंदनीय है। लोगों ने बताया कि जो भी दस्तावेज विभाग के द्वारा मांगे गए थे वह भी जमा करवा दिए गए हैं फिर भी सबसिडी न आना समझ से परे है। इन लोगों ने विभाग से आग्रह किया है कि हमारी सबसिडी हमारे खातों मे डाल दी जाए।

क्या कहते है गैस प्रबंधक

उधर, घुमारवीं कार्यालय के गैस प्रबंधक निर्भय कुमार ने कहा कि हमारे पास पहले लोगों की कुछ शिकायतें आई थी जो उच्च अधिकारी के पास भेज दी गई हैं। लोग यह भी स्पष्ट कर लें कि लोगों ने दो-दो अलग बैंकों में खाते खोल रखे हैं तो उनमे से किसी भी खाते में सबसिडी पड़ रही हैं जो आधार के साथ लिंक है। यह जरूरी नहीं है कि खाता कार्यालय में दिया है उसमें ही सबसिडी आएगी। दूसरे खाते में भी सबसिडी पड़ सकती हैं। कुछ समय पूर्व मोबाइल पर मैसेज आ रहे थे या फोन भी आ रहे थे, जिनको सुनने से भी कुछ लोगों के खातों में सबसिडी नहीं पड़ रही है।