घोषणा पत्र पर बंटे कर्मचारी

By: Nov 3rd, 2017 12:15 am

कांग्रेस का पत्र कइयों के सिर-माथे, कई देख गुस्साए

जरूर मिला कुछ न कुछ

महासचिव गोपाल ने गिनाईं पांच साल की उपलब्धियां

शिमला – प्रदेश के कर्मचारियों ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को सिर माथे लगाया है। प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में कर्मचारियों की कई मांगें शामिल करने का स्वागत किया है। गुरुवार को अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महासचिव गोपाल कृष्ण शर्मा ने कहा कि दोनों दलों ने घोषणा पत्र में कर्मचारियों की मांगें शामिल की हैं, मगर कांग्रेस ने घोषणा पत्र में कर्मचारियों की विभिन्न मांगें शामिल की हैं, जिसका महासंघ स्वागत करता है। कांगे्रस पार्टी ने चुनावी घोषणा पत्र में कर्मचारियों की 70 प्रतिशत मांगें शामिल की हैं, जबकि भाजपा के घोषणा पत्र में भी कर्मचारियों की कई मांगें शामिल की गई हैं। महासचिव गोपाल कृष्ण शर्मा ने कहा कि पूर्व में रहे कर्मचारी संगठनों के कुछ नेता बयानबाजी कर रहे हैं कि पांच साल में कर्मचारियों को कोई उचित लाभ नहीं मिल पाया है, जो सरासर गलत है। पिछले पांच साल के दौरान हर वर्ग के कर्मचारी को कुछ न कुछ अवश्य मिला है। उन्होंने स्वीकारा कि चार-पांच मांगें और पूरी होनी चाहिए थीं, लेकिन चुनावी आचार संहिता और विभागीय कार्रवाई देरी से होने पर ये मांगें पूरी नहीं हो सकीं। इसके बावजूद महासंघ अपने स्तर पर ये मांगें उठाता रहा है, जिसमें सभी ने अपने स्तर पर मांगें पार्टियों से घोषणा पत्र में शामिल करने के लिए आग्रह किया। उन्होंने संगठनों के उन पूर्व नेताओं को आग्रह किया है, जो झूठी बयानबाजी कर रहे हैं। पांच साल के दौरान हर वर्ग के कर्मचारियों को कुछ न कुछ लाभ अवश्य मिले हैं।

कांग्रेस की झूठ बोलने में पीएचडी

प्रदेश संयोजक घनश्याम शर्मा ने बताईं पहले की अधूरी रही मांगें

पालमपुर – कांग्रेस ने घोषणा पत्र से यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस ने झूठ बोलने में पीएचडी की है। घोषणा पत्र ने कांग्रेस की नियत और नीति का प्रमाण दे दिया है। जो घोषणा पत्र कांग्रेस ने जारी किया, वे सिर्फ झूठ का पुलिंदा है और प्रदेश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया है। यह बात भाजपा पूर्व कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक घनश्याम शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि 2012 के चुनावों से पूर्व भी कांग्रेस ने घोषणा पत्र में यही बातें कही थीं। कांग्रेस ने पांच साल तक प्रदेश के अढ़ाई लाख कर्मचारियों, डेढ़ लाख पूर्व कर्मचारियों व लाखों पढ़े-लिखे बेरोजगारों को जमकर ठगा। 2012 में कांग्रेस ने कहा था कि प्रदेश के कर्मचारियों को 4-9-14 पंजाब के आधार पर 2006 से देंगे। पांच कर्मचारी उसका इंतजार करते रहे और अब एक बार फिर घोषणा पत्र में वही बात दोहरा कर कर्मचारियों को ठगने का प्रयास किया जा रहा है। घनश्याम शर्मा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में 2009 में 4-9-14 का लाभ दिया गया था। प्रदेश के पूर्व कर्मचारियों को 65-70-75 का पेंशन लाभ पंजाब की तर्ज पर देने की घोषणा 12 दिसंबर, 2016 को की गई, लेकिन वह घोषणा भी झूठी साबित हुई। पांच साल सत्ता में रहकर 2003 के बाद जो पेंशन बंद हुई है, उस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया। आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर कोई पालिसी नहीं बनाई गई। परिवहन निगम के कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया और प्रताडि़त किया गया। पांच साल में उनके पेंशन और भत्ते को लेकर कोई स्थायी हल नहीं किया गया। प्रदेश के लाखों कर्मचारी ग्रेच्युटी, चिकित्सा भत्ता और पेंशन की अदायगी को लेकर सड़कों पर घूम रहे हैं। आज चुनावी वेला में कांग्रेस ने झूठा घोषणा पत्र जारी कर प्रदेश के लोगों को ठगने का प्रयास किया है, लेकिन अब जनता कांग्रेस की इस चाल में आने वाली नहीं है। कांग्रेस का कार्यकाल भ्रष्टाचार से भरा रहा। इन सब बातों से आहत होकर प्रदेश के सभी पेंशनर संगठनों ने धूमल के नेतृत्व को समर्थन दिया है, जिनके पत्र हमारे पास आ गए हैं। भाजपा की सरकार बनने पर पूर्व कर्मचारियों को 65-70-75 का वेतनमान के लाभ पंजाब के आधार पर वर्तमान कर्मचारियों को 4-9-14 का लाभ दिया जाएगा। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाई जाएगी और 2003 से बंद पेंशन पर भी स्थायी नीति बनाकर कर्मचारियों को लाभान्वित किया जाएगा।


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